खजुराहो में ‘INDIA’ गठबंधन को चुनाव से पहले ही झटका, सपा उम्मीदवार का नामांकन रद्द

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नई दिल्ली, 6अप्रैल। लोकसभा चुनाव की तैयारियां जोर शोर से चल रही हैं. भारतीय जनता पार्टी (BJP) को हैट्रिक का भरोसा है. वहीं, दूसरी तरफ विपक्षी ‘INDIA’ गठबंधन भी जीत का दंभ भर रहा है. 7 चरणों में होने वाले चुनाव के पहले दो फेज के लिए नामांकन दाखिल किये जा चुके हैं. पहले फेज में 19 अप्रैल को 102 लोकसभा सीटों पर वोट डाले जाएंगे. वहीं, दूसरे फेज में 26 अप्रैल को 89 सीटों पर मतदान होंगे. इन सबके बीच चुनाव होने से पहले ही मध्यप्रदेश में ‘इंडिया’ गठबंधन को बड़ा झटका लगा है. खजुराहो संसदीय क्षेत्र से समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार मीरा यादव का नामांकन रद्द हो गया है. कांग्रेस ने समझौते के तहत यह सीट SP को दी गई थी. खजुराहो संसदीय क्षेत्र राज्य की हॉट सीटों में से एक है. यहां से BJP के उम्मीदवार के तौर पर प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा मैदान में हैं.

अखिलेश ने बताया लोकतंत्र की हत्या
सपा उम्मीदवारो का नामांकन रद्द होने के बाद पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादवने भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोला. अखिलेश ने ट्वीट किया, ‘खजुराहो सीट से पार्टी प्रत्याशी मीरा यादव का नामांकन निरस्त करना सरेआम लोकतंत्र की हत्या है. कहा जा रहा है कि हस्ताक्षर नहीं थे तो फिर देखने वाले अधिकारी ने फॉर्म लिया ही क्यों? ये सब बहाने हैं और हार चुकी BJP की हताशा जो न्यायालय के कैमरे के सामने छल कर सकते हैं वो फॉर्म मिलने के बाद पीठ पीछे क्या-क्या साज़िश रचते होंगे. भाजपा बात में ही नहीं काम में भी झूठी है और समस्त प्रशासनिक तंत्र को भ्रष्ट बनाने की दोषी भी. इस घटना की भी न्यायिक जांच हो, किसी का पर्चा निरस्त करना लोकतांत्रिक अपराध है.’

इस वजह से नामांकन हुआ रद्द
बता दें कि सपा ने इस सीट पर पहले डॉक्टर मनोज यादव को उम्मीदवार बनाया था. बाद में उसमें बदलाव कर मीरा दीपक यादव को उम्मीदवार बनाया गया. पन्ना के निर्वाचन अधिकारी और कलेक्टर सुरेश कुमार ने बताया है कि मीरा दीपक यादव का नामांकन निरस्त कर दिया गया. इसकी दो वजह हैं. मीरा दीपक यादव की ओर से सत्यापित मतदाता सूची नामांकन के साथ संलग्न नहीं की गई. साथ ही हस्ताक्षर भी नहीं किया गया.

निर्वाचन अधिकारी पर लगाया आरोप
सपा उम्मीदवार के पति दीप नारायण यादव ने निर्वाचन अधिकारी पर आरोप लगाते हुए कहा है कि नामांकन में जब कमी रहती है और कोई अनपढ़ उम्मीदवार है तो उसका भी फॉर्म दुरुस्त करने की जिम्मेदारी निर्वाचन अधिकारी और संबंधित की है. हालांकि कल उसे स्वीकार किया गया, अब उसमें दो कमी बताई जा रही है. वोटर लिस्ट सत्यापित संलग्न है, उसे वह पुरानी बता रहे हैं और 2 जगह हस्ताक्षर होते हैं, उनमें से एक जगह ही हस्ताक्षर होने की बात कही है. जिला निर्वाचन अधिकारी अगर कहते कि संलग्न मतदाता सूची पुरानी है तो हमारी ओर से नई उपलब्ध कराई जा सकती थी. ऐसा निर्वाचन अधिकारी की ओर से नहीं किया गया.

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