नई दिल्ली, 12मार्च। भारत ने मिशन दिव्यास्त्र की सफल परीक्षा का समर्थन किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस खोज की सफलता की घोषणा की है। इस परीक्षा के दौरान, भारत ने पहली बार अग्नि-5 मिसाइल का परीक्षण किया है, जिसमें एकाधिक स्वतंत्र लक्ष्य स्थापित (MIRV) प्रौद्योगिकी शामिल है।
इस परीक्षण ने भारतीय रक्षा और विज्ञान क्षेत्र में एक नई उम्मीद की रौशनी जगाई है। अग्नि-5 मिसाइल का पहला परीक्षण एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है, जो भारत की रक्षा तंत्र को मजबूती और सुरक्षितता में एक महत्वपूर्ण कदम आगे बढ़ाएगा।
अग्नि-5 मिसाइल के पहले परीक्षण में, भारतीय वैज्ञानिकों और रक्षा अनुसंधानकर्ताओं ने उत्कृष्टता का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया है। यह मिसाइल MIRV प्रौद्योगिकी के साथ लैस होती है, जिससे वह एक से अधिक लक्ष्यों को समय-समय पर लक्षित कर सकती है।
इस सफल परीक्षण से, भारत ने अपने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की मजबूती को और भी बढ़ावा दिया है। यह प्रक्रिया भारत को विश्वसनीय और शक्तिशाली रक्षा शक्ति बनाने में मदद करेगी।
इस सफल परीक्षण के परिणामस्वरूप, भारत अपनी रक्षा तंत्र को मजबूत करने में और भी अग्रसर हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सफलता के लिए सभी वैज्ञानिकों और रक्षा अनुसंधानकर्ताओं को बधाई दी है और उन्हें उनके प्रयासों के लिए धन्यवाद दिया है।
इस परीक्षण से, भारत ने अपने रक्षा क्षेत्र में नई ऊर्जा और जोश की भरमार दिखाई है। इसके साथ ही, यह विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की गति को भी गति देगा।