नई दिल्ली, 26फरवरी। देश में इंफ्रास्ट्रक्चर का एक और नायाब नमूना तैयार हुआ है। यह है सुदर्शन सेतु यह सेतु देश का सबसे लंबा केबल ब्रिज है। इसकी लंबाई 2.32 किलोमीटर है। करीब 980 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुए इस ब्रिज को कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्र को समर्पित करेंगे। यह केबल ब्रिज ओखा को समुद्र के बीच बसे भेट द्वारका से जोड़ता है।
बताया जाता है कि सुदर्शन सेतु का अद्वितीय डिजाइन (Unique Design) है। इसमें दोनों तरफ श्रीमद्भगवद गीता के श्लोकों और भगवान कृष्ण की छवियों से सजा हुआ एक फुटपाथ है। इसमें फुटपाथ के ऊपरी हिस्से पर सौर ऊर्जा के पैनल (Solar Panal) भी लगाए गए हैं, जिससे एक मेगावाट बिजली पैदा होती है। यह पुल द्वारका और भेट-द्वारका के बीच यात्रा करने वाले भक्तों के आवागमन को तो आसान करेगा ही, उनका समय भी काफी बचेगा।
सुदर्शन सेतु के निर्माण से पहले, तीर्थयात्रियों को भेट द्वारका तक पहुंचने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती थी। उन्हें नाव पर निर्भर रहना पड़ता था। मौसम खराब हो तो लोगों को प्रतीक्षा करनी होती थी। ज्वार-भाटे में तो स्थिति विकट होती ही है। अब इस प्रतिष्ठित पुल के बन जाने से देवभूमि द्वारका के प्रमुख पर्यटक आकर्षण के रूप में भी काम करेगा।
2016 में मिली थी मंजूरी
इस पुल के निर्माण को साल 2016 में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मंजूरी मिली थी। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 7 अक्टूबर, 2017 को ओखा और भेट द्वारका को जोड़ने वाले पुल की आधारशिला रखी। इस परियोजना की अनुमानित लागत 962 करोड़ रुपये थी, लेकिन बाद में यह संशोधित हो कर 980 करोड़ रुपये हो गई है। इससे लक्ष द्वीप पर रहने वाले लगभग 8,500 निवासियों को भी लाभ पहुंचेगा।
टेक्निकल स्पेसिफिकेशन क्या है
इस पुल का डेक कंपोजिट स्टील-रिइनफोर्स्ड कंक्रीट से बना है। इसकी चौड़ाई 27.2 meters (89 ft) है। इस पुल पर दोनों किनारे पर 2.5 meters (8 ft) चौड़ा फुटपाथ भी बना है। इस पुल की कुल लंबाई 2,320 meters (7,612 ft) है। तभी तो इसे देश का सबसे लंबा केबल ब्रिज longest cable-stayed bridge in India कहा जा रहा है।