नई दिल्ली, 10फरवरी।प्रधानमंत्री मोदी के निर्देश पर, मडिगा और अन्य ऐसे अनुसूचित जाति समुदायों के हितों की रक्षा के लिए उठाए जा सकने वाले कदमों की जांच करने के लिए सचिवों की एक समिति का गठन किया गया है. कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई. मडिगा और अन्य ऐसे समूहों का कहना है कि उन्हें उनके हिस्से का लाभ नहीं मिल पा रहा है.
सचिवों की समिति की दूसरी बैठक आयोजित की गई. समिति ने तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक राज्यों के मडिगा समुदाय के एक प्रतिनिधिमंडल से भी मुलाकात की. प्रतिनिधिमंडल ने सचिवों की समिति की स्थापना के लिए प्रधानमंत्री को आभार व्यक्त किया है. इन समूहों का कहना है कि इन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलता. इसी की जांच ये समिति कर रही है.
मडिगा समुदाय का क्या कहना है?
प्रतिनिधिमंडल ने समिति को मडिगा समुदाय की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों और उनके सामने आने वाली कठिनाइयों से अवगत कराया. उन्होंने भारत सरकार से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया कि केंद्र और राज्य सरकारों की सभी कल्याण और विकास योजनाओं का लाभ मडिगा और अन्य समान समुदायों के सदस्यों को समान रूप से उपलब्ध होना चाहिए.
समिति ने चिंताओं पर ध्यान दिया
समिति ने प्रतिनिधिमंडल द्वारा उठाई गई चिंताओं पर ध्यान दिया. समिति ने प्रतिनिधिमंडल को सूचित किया कि सरकार नियमित रूप से समाज के विभिन्न वर्गों के कल्याण से संबंधित मामलों की निगरानी करती है और उन्हें आश्वासन दिया कि उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों की जांच की जाएगी और आवश्यक अनुवर्ती उपाय किए जाएंगे.
पीएम मोदी ने की थी कमेटी बनाने की घोषणा
दरअसल, बीते साल पीएम मोदी ने मडिगा समुदाय के लिए अनुसूचित जाति आरक्षण में उप वर्गीकरण की प्रक्रिया में एक समिति के गठन में तेजी लाने का निर्देश दिया था. तेलंगाना और आंध्र प्रदेश राज्य से ताल्लुक रखने वाले मडिगा समुदाय के लोगों ने पीएम से मुलाकात की थी.
बीते साल तेलंगाना में मडिगा रिजर्वेशन पोराटा समिति (एमआरपीएस) की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में पीएम मोदी ने ऐलान किया था कि केंद्र सरकार जल्द ही समिति का गठन करेगी. जिसमें मडिगाओं की मांगों पर हर संभव तरीके खोजने पर जोर दिया जाएगा.