जेएनयू की दीवारों पर ‘ब्राह्मण व बनियाँ विरोधी स्लोगन’ लिखने के मामले में FIR, जांच में जुटी दिल्ली पुलिस
नई दिल्ली,2दिसंबर। हमेशा विवादों से घिरे रहने वाला दिल्ली में स्थित देश का नामी संस्थान जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय एक बार फिर से चर्चा में है। जेएनयू को लेकर एक बड़ा विवाद पैदा हो गया है। यूनिवर्सिटी कैंपस में जगह-जगह दीवारों पर ब्राह्मणों और बनियों के खिलाफ नारे लिखे गए हैं। जेएनयू के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज की दीवारों पर असामाजिक तत्वों ने ब्राह्मण समुदाय के खिलाफ अमर्यादित नारे लिखे। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के वकील विनीत जिंदल ने दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। दिल्ली पुलिस से इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ IPC की धारा 153A/B, 505, 506, 34 के तहत मुकदमा दर्ज किया है और जांच में जुट गई है।
दिल्ली स्थित जवाहर नेहरू विश्वविद्यालय परिसर स्थित कई इमारतों की दीवारों पर ब्राह्मण विरोधी नारे लिखे गए। इसके फोटो सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे हैं। यूनिवर्सिटी के छात्रों ने दावा किया कि ब्राह्मण और बनिया समुदाय के खिलाफ नारों के साथ स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज-द्वितीय की इमारत में तोड़फोड़ की गई। इस पूरे प्रकरण पर जेएनयू प्रशासन की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
दीवारों पर लिखे नारों में से कुछ नारे हैं, ‘‘ब्राह्मण परिसर छोड़ो”, ‘रक्तपात होगा’, ‘ब्राह्मण भारत छोड़ो’ और ‘ब्राह्मणों और बनिया, हम तुम्हारे पास बदला लेने आ रहे हैं।’ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से सबद्ध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने इस प्रकरण के लिए वाम पक्ष को जिम्मेदार ठहराया है।
एवीबीपी की जेएनयू इकाई के अध्यक्ष रोहित कुमार ने कहा, ‘‘एवीबीपी शैक्षणिक परिसर में वामपंथी गुंडों द्वारा की गई तोड़-फोड़ की निंदा करती है। वामपंथियों ने जेएनयू स्थित स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज-द्वितीय की इमारत पर अपशब्द लिखे हैं। उन्होंने मुक्त सोच रखने वाले प्रोफेसरों के धमकाने के लिए उनके चेंबर को विकृत किया है।”
उन्होंने कहा, ‘‘शैक्षणिक स्थान का इस्तेमाल बहस और चर्चा के लिए की जानी चाहिए न कि समाज और विद्यार्थियों में वैमनस्य पैदा करने के लिए।”जेएनयू शिक्षकों के संगठन ने भी तोड़-फोड़ की ट्वीट कर निंदा की है और इसके लिए ‘वामपंथी उदारवादी गिरोह’ को जिम्मेदार ठहराया है।