राष्ट्रपति ने मावफलांग में एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित किया; सड़क और पर्यटन से जुड़ी विभिन्न परियोजनाओं का किया उद्घाटन और शिलान्यास

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शिलांग,17 जनवरी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने मंगलवार को मेघालय के मावफलांग में एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित किया। उन्होंने वर्चुअल माध्यम से उन्नत रोंगजेंग मांगसांग एडोकग्रे सड़क एवं मैरांग रानीगोडाउन अजरा सड़क का उद्घाटन किया और साथ ही शिलांग पीक रोपवे तथा कोंगथोंग, मावलिंगोट एवं कुडेनग्रिम नाम के गांवों में पर्यटक आवासों का शिलान्यास किया।

इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि प्राचीन काल से जनजातीय समुदाय के लोग स्वदेशी ज्ञान, संस्कृति और धार्मिक मान्यताओं के आधार पर पर्यावरण संरक्षण के अगुआ रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेघालय के लोगों का मानना ​​है कि ‘यू बासा’ या देवी हरे-भरे जंगलों में निवास करती हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जनजातीय प्रथाएं इस बात का अच्छा अध्ययन हो सकती हैं कि मनुष्य और प्रकृति के बीच सहजीवी संबंध कैसे हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि जनजातीय जीवनशैली जैव-विविधता संरक्षण और इकोलॉजिकल संतुलन बनाए रखने के राष्ट्रीय लक्ष्यों को बढ़ावा देने में योगदान देती है।

राष्ट्रपति ने संरक्षण और जलवायु कार्रवाई से जुड़े प्रयासों में महिलाओं की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह तथ्य अच्छी तरह दर्ज है कि महिलाएं संरक्षण संबंधी प्रयासों के केंद्र में होती हैं। जनजातीय समाजों में महिलाएं पर्यावरण की रक्षा करने और अनुकूलन व शमन को बढ़ाने हेतु अपने ज्ञान एवं कौशल को साझा करके रास्ता दिखा रही हैं। जलवायु संबंधी पहलों और निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाकर प्रभावी जलवायु कार्रवाई और जैव-विविधता संरक्षण की दिशा में और अधिक कार्य किया जा सकता है।

राष्ट्रपति को यह जानकर खुशी हुई कि मेघालय एक आदर्श राज्य के रूप में उभरने हेतु दृढ़ता के साथ प्रयास कर रहा है और आधुनिकता एवं परंपरा के प्रति संतुलित दृष्टिकोण प्रस्तुत कर रहा है। उन्होंने कहा कि एफडीआई के अच्छे प्रवाह, उच्च निर्यात और गतिशील जनसांख्यिकी के साथ, मेघालय विकास के अगुआ के रूप में उभर रहा है और एक प्रेरणादायक कहानी प्रस्तुत कर रहा है।

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