भारतीय रेसलिंग फेडरेशन के चुनावों से आहत हुए बजंरग पूनिया बोले- लौटा रहा हूं अपना पद्म श्री पुरस्कार
नई दिल्ली, 23दिसंबर। भारतीय कुश्ती संघ (WFI) और उसके पहलवान एक बार फिर चर्चा में हैं. ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली साक्षी मलिक ने गुरुवार को अपने संन्यास का ऐलान किया था. अब इस कड़ी में एक दिन बाद ओलंपिक के एक और ब्रॉन्ज मेडलिस्ट बजरंग पूनिया ने अब देश के नामी पुरस्कारों को प्रधानमंत्री कार्यलय को लौटाने का फैसला किया है. बजरंग ने एक ट्वीट कर इसकी जानकारी दी और उन्होंने अपने स्टेटमेंट में प्रधानमंत्री को लिखा कि वह महिला पहलवानों का अपमान नहीं सह सकते. वह पद्म श्री पुरस्कार वापस करने के लिए PMO जा रहे हैं.
इस स्टार पहलवान ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘मैं अपना पद्मश्री पुरस्कार प्रधानमंत्री जी को वापस लौटा रहा हू. कहने के लिए बस मेरा यह पत्र है. यही मेरी स्टेटमेंट है.’
बजरंग के इस फैसले पर खेल मंत्रालय ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. उसने कहा, ‘पद्म श्री लौटाने का यह बजरंग पूनिया का निजी फैसला है. WFI के चुनाव पारदर्शी और लोकतांत्रिक तरीके से आयोजित हुए.’
अपने जिस ट्वीट में बजरंग ने पद्म श्री अवॉर्ड लौटाने की बात कही है. उसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भी लिखा है. इस पत्र में उन्होंने लिखा, ‘आपको पता होगा कि इसी साल जनवरी में देश की महिला पहलवानों ने कुश्ती संघ पर काबिज बृजभूषम सिंह पर सेक्सुअल ह्रासमेंट के गंभीर आरोप लगाए थे, जब उन महिला पहलवानों ने अपना आंदोलन शुरू किया तो मैं भी उसमें शामिल हो गया था. आंदोलित पहलवान जनवरी में अपने घर लौट गए, जब उन्हें सरकार ने ठोस कार्रवाई की बात कही. लेकिन जब 3 महीने बीत जाने के बाद भी बृजभूषण पर एफआईएआर तक नहीं की तब हम पहलवानों ने अप्रैल में दोबारा सड़कों पर उतरकर आंदोलन किया. ताकि दिल्ली पुलिस कम से कम बृजभूषण पर एफआईआर दर्ज करे, लेकिन फिर भी बात नहीं बनी तो हमें कोर्ट में जाकर एफआईआर दर्ज करवानी पड़ी.’
जनवरी में शिकायकर्ता महिला पहलवान की गिनती 19 थी जो अप्रैल तक आते-आते 7 रह गई, यानी इन 3 महीनों में अपनी ताकत के दम पर बृजभूषण सिंह ने 12 महिला पहलवानों को अपने न्याय की लड़ाई में पीछे हटा दिया था.