कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंकों का कम्प्यूटरीकरण

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दीर्घकालिक सहकारी ऋण संरचना (एलटीसीसीएस) में राज्य और प्राथमिक स्तर पर सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक शामिल हैं, जो मुख्य रूप से किसानों को दीर्घकालिक वित्त प्रदान करने में लगे हुए हैं। आज तक, 13 राज्यों/केंद्र-शासित प्रदेशों में राज्य सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (एससीएआरडीबी) पूरी तरह कार्य कर रहे हैं।

उनकी परिचालन दक्षता में सुधार करने, लेखांकन प्रथाओं तथा उधार देने, वसूली और संसाधन जुटाने में अपनाई जाने वाली प्रणालियों के मुख्य पहलुओं में एकरूपता लाने तथा उनके व्यापार विस्तार में सहायता के लिए सरकार ने कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंकों (एआरडीबी) की उनकी शाखाओं और पर्यवेक्षी इकाइयों सहित 1,851 इकाइयों के कम्प्यूटरीकरण की परियोजना को 119.40 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ मंजूरी दे दी है।

नाबार्ड परियोजना के लिए कार्यान्वयन एजेंसी है और एआरडीबी के लिए एक सामान्य राष्ट्रीय स्तर का सॉफ्टवेयर विकसित करेगी। इस परियोजना के अंतर्गत हार्डवेयर, विरासत डेटा के डिजिटलीकरण के लिए सपोर्ट, कर्मचारियों को प्रशिक्षण आदि प्रदान किया जाएगा।

मंत्रालय ने इस संबंध में 16.11.2023 को पहले ही राज्यों/केंद्र-शासित प्रदेशों को परियोजना संबंधी दिशानिर्देश भेज दिए हैं और इस परियोजना के लिए संबंधित राज्यों/केंद्र-शासित प्रदेशों से प्रस्ताव मांगे हैं।

यह बात आज राज्यसभा में सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कही।

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