नई दिल्ली, 11दिसंबर। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को मानव अधिकारों की प्रगति में मानवता के 1/6वें हिस्से के आवास स्थल के रूप में भारत में हो रहे सकारात्मक बदलावों पर प्रकाश डाला उन्होंने कहा कि भारत मानवाधिकारों के लिए विश्व में ‘रोल मॉडल’है। उन्होंने कहा, “विश्व का कोई भी हिस्सा मानवाधिकारों के साथ इतना समृद्ध, सम्पन्न नहीं है जितना हमारा देश है।”
आज भारत मंडपम में मानवाधिकार दिवस समारोह में मुख्य संबोधन करते हुए उपराष्ट्रपति ने रेखांकित किया, “हमारा अमृत-काल, मुख्य रूप से मानवाधिकारों और मूल्यों के विकसित होने के कारण हमारा गौरव-काल बन गया है।” उन्होंने आगे कहा कि “हमारे सभ्यतागत लोकाचार और संवैधानिक प्रतिबद्धता मानव अधिकारों के सम्मान, सुरक्षा और पोषण के प्रति हमारे गहन समर्पण को दर्शाते हैं जो हमारे डीएनए में है”। उन्होंने पुन: इस बात पर बल दिया, “भारत मानवाधिकारों के पोषण, प्रोत्साहन और संवर्धन में दुनिया के लिए एक उदाहरण के रूप में कार्य करता है।”
मानवाधिकारों के पोषण को ‘लोकतंत्र की आधारशिला’बताते हुए; उपराष्ट्रपति ने इस बात पर बल दिया कि “कानून के समक्ष समरूपता मानव अधिकार को बढ़ावा देने का एक अविभाज्य पहलू है”। उन्होंने मानवाधिकारों को बढ़ावा देने के लिए शासन के तीनों अंगों, विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के प्रोत्साहन की भी सराहना की, क्योंकि “मानवाधिकारों का सम्मान हमारी सभ्यता के लोकाचार और संविधान में अंतर्निहित है”, उन्होंने कहा।