पीएम-किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत 18,000 करोड़ रुपये से अधिक राशि की 15वीं किस्त जारी की

झारखंड में लगभग 7,200 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया

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नई दिल्ली, 16नवंबर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को झारखंड के खूंटी से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के अंतर्गत 18,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि की 15वीं किस्त जारी की। इस महत्वपूर्ण किस्त के जारी करने का उद्देश्य देश भर के किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। यह किस्त ‘फादर ऑफ द लैंड’ श्री भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर जारी की गई थी। भगवान बिरसा मुंडा की जयंती प्रत्येक वर्ष जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया जाता है। प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने इस अवसर पर 24,000 करोड़ रुपये के बजट वाली एक पहल, पीएम जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान का शुभारंभ किया। इस अभियान का उद्देश्य आदिवासी समूहों का समग्र विकास सुनिश्चित करना है।  मोदी ने झारखंड के स्थापना दिवस पर, झारखंड में रेल, सड़क, शिक्षा, कोयला, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस जैसे कई क्षेत्रों में 7200 करोड़ रुपये राशि की कई विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास भी किया।

कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने पर जनजातीय कलाकारों ने गर्मजोशी के साथ प्रधानमंत्री का स्वागत किया। इस कार्यक्रम में हजारों उत्साही किसानों ने भाग लिया और कई अन्य किसानों ने ऑनलाइन माध्यम से इस कार्यक्रम में भाग लिया। इस अवसर पर अन्य लोगों के अलावा झारखंड के राज्यपाल, श्री सी. पी. राधाकृष्णन, झारखंड के मुख्यमंत्री,  हेमंत सोरेन और केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री,  अर्जुन मुंडा उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने सभा को संबोधित करते हुए, उलिहातू गांव और रांची में स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय की अपनी यात्रा के बारे में बात की। प्रधानमंत्री मोदी ने जनजातीय गौरव दिवस पर देशवायों को शुभकामनाएं दीं और श्रद्धेय क्रांतिकारी भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि अर्पित की।  नरेन्द्र मोदी ने झारखंड के स्थापना दिवस के अवसर पर अपनी शुभकामनाएं भी दीं और इसके गठन में पूर्व प्रधानमंत्री  अटल बिहारी वाजपेयी के योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि झारखंड राज्य में अब 100 प्रतिशत विद्युतीकृत रेल मार्ग मौजूद हैं।

मोदी ने विकसित भारत के लिए चार स्तंभों: महिला शक्ति, कृषि शक्ति, युवा शक्ति और गरीबों और मध्यम वर्ग की शक्ति का समर्थन करने के महत्व पर बल दिया। उन्होंने लाखों लोगों को गरीबी से ऊपर उठाने और स्वच्छता, तरल पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) कनेक्शन और स्वास्थ्य देखभाल जैसी आवश्यक सेवाओं में सुधार के सरकार के प्रयासों पर प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री मोदी ने भविष्य के लिए अपना दृष्टिकोण भी साझा किया जहां हर गरीब व्यक्ति की सरकारी योजनाओं के माध्यम से आवश्यक सेवाओं और लाभों तक पहुंच सुनिश्चित होगी। उन्होंने कहा कि अटल जी की सरकार ने अपने बजट से जनजातीय समुदायों के लिए अलग मंत्रालय बनाया, जिसे का बजट अब 6 गुना बढ़ा दिया गया है।

मोदी ने कहा कि पीएम जनमन योजना के अंतर्गत, सरकार का लक्ष्य प्राचीन जनजातियों तक पहुंचना है, जिनमें से कई अभी भी जंगलों में रहते हैं। प्रधानमंत्री ने बताया कि ऐसे 75 जनजातीय समुदायों और प्राचीन जनजातियों की पहचान की गई है, जिनकी कुल संख्या लाखों में है और वे 22 हजार से अधिक गांवों में रहते हैं। उन्होंने केवल संख्याओं को जोड़ने से लेकर जीवन को जोड़ने की ओर बदलाव पर बल दिया। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार इस व्यापक अभियान में 24,000 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है।

प्रधानमंत्री ने आज जारी पीएम किसान सम्मान निधि योजना की 15वीं किस्त के बारे में बात करते हुए बताया कि अब तक किसानों के खातों में 2,75,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि भेजी जा चुकी है। उन्होंने पशुपालकों और मछुआरों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड, मुफ्त पशुधन टीकाकरण पर 15,000 करोड़ रुपये के सरकारी खर्च कर रही है। उन्होंने मत्स्य सम्पदा योजना के अंतर्गत मछली पालन के लिए वित्तीय सहायता और 10,000 नए किसान उत्पादन संघों के निर्माण जैसी पहलों का भी उल्लेख किया। श्री मोदी ने कहा कि इन उपायों का उद्देश्य बाज़ारों को अधिक सुलभ बनाकर किसानों के लिए लागत कम करना है। प्रधानमंत्री मोदी ने वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष के रूप में मनाने और विदेशी बाजारों में श्री अन्न जैसी भारतीय उपज को प्रोत्साहन प्रदान करने के सरकार के प्रयासों पर भी प्रकाश डाला।

कुल मिलाकर, यह आयोजन किसानों को सहायता प्रदान करने और जनजातीय समूहों के समग्र विकास को सुनिश्चित करने की सरकार की प्रतिबद्धता में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि साबित हुआ है। पीएम-किसान सम्मान निधि योजना की 15वीं किस्त जारी करना और पीएम जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान का शुभारंभ हाशिए पर रहने वाले समुदायों के उत्थान और सशक्तिकरण के लिए सरकार के निरंतर प्रयासों को प्रदर्शित करता है।

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