श्री राम सेवा मिशन के सनातन संवाद’ में बोलीं रामायण की सीता
● विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वालों का हुआ सम्मान ।
● सनातन संवाद का आयोजन पूरे देश में किया जाएगा -रमेश अवस्थी
श्री राम सेवा मिशन द्वारा महर्षि वाल्मीकि जयंती की पूर्व संध्या पर आयोजित सनातन संवाद में अति लोकप्रिय टीवी धारा रामायण की सीता दीपिका चिखलिया ने कहा कि सनातन धर्म धरती पर सबसे पुरातन धर्म है, हमें इस पर गर्व होना चाहिये। कार्यक्रम के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित किया गया। यहां जानी-मानी कवयित्री कविता तिवारी के काव्य पाठ ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया ।
वाल्मीकि महोत्सव का शुभारम्भ लखनऊ से आये भजन गायकों की प्रस्तुतियों के साथ हुआ।
उन्होंने ‘जनम सुफल हो जाए बन्दे मन में राम बसा ले तू’ और ‘नगरी हो अयोध्या सी” जैसे भजन प्रस्तुत कर माहौल को राममय कर दिया। कार्यक्रम के दौरान जानी-मानी कवयित्री कविता तिवारी ने मैं कविता हूँ, मेरी पहचान मेरे शब्द बोलेंगे’ और ‘मन चंचल है तन विस्वल है। जैसी रचनाएं पड़ी तो सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। इसके बाद जैसे ही रामायण की सीता दीपिका चिखालिया मंच पर आयी, मौजूद लोगों ने जय जय श्रीराम और सीता मां की जय के उद्योग कर उनका स्वागत किया।
कवयित्री कविता तिवारी ने दीपिका चिखलिया के साथ सनातन संवाद किया।
भावना प्यार और सादगी की सीख देती है रामायण संवाद के दौरान प्रश्नों का उत्तर देते हुए दीपिका निखलिया ने रामायण सीरियल से जुड़े तमाम संस्मरण साझा किये। भूमिका कैसे मिली, इस प्रश्न का उत्तर देते हुए दीपिका ने कहा कि उस समय यह रामानंद सागर के साथ विक्रम और बेताल’ व ‘दादा दादी की कहानियां सीरियल कर रही थीं। रामायण बनाने की योजना बनी तो कला निर्देशक ने उनसे ऑडिशन देने को कहा, जिसे लेकर वह नाराज भी हुयीं। फिर रामानंद सागर के कहने पर ऑडिशन दिया। ऑडिशन के बाद रामानंद सागर की आंखें नम हो गयी और वह केले, मुझे मेरी सौता मिल सकी भूमिका कितनी चुनौतीपूर्ण थी, इस प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि कम उम्र में समझ में नहीं आया लेकिन प्रभु श्री राम की कृपा से यह चमत्कार भी हो गया। उन्होंने कहा कि रामायण में ऐसे तमाम चमत्कार हुए हैं। रामायण पर बने अन्य टीवी सीरियल या फिल्मों को लेकर दीपिका ने कहा कि रामायण वह जो सादगी, भावना, प्यार की सीख दे जो रामानंद सागर की रामायण में था। बाद में रामायण पर जो भी सीरियल या फिल्में बनीं, वह मात्र मनोरंजन के लिये थीं, उन्हें रामायण नहीं कहा जा सकता। उन्होंने माना कि सीता जी की भूमिका निभाने के बाद छोटी उम्र में जब लोगों से सम्मान मिलता है तो व्यक्तित्व में परिवर्तन स्वतः ही आने लगता है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि राम के लिये आसान नहीं था रावण पर जीत हासिल करना, लेकिन रावण हारा क्योंकि वह गलत था, राम जी क्योंकि यह सच्चाई और अच्छाई के रास्ते पर थे। आज भी अधर्म के खिलाफ लड़ रहे लोगों की जीत होगी। दीपिका ने रामायण की शूटिंग के दौरान के कई संस्मरण साझा किये। उन्होंने कहा कि बालक राम का काक भुसुद्धि के साथ खेलने का दृश्य शूट होना था। कौआ कैसे आये, यह समस्या सबको परेशान कर रही थी। ऐसे में रामानंद सागर ने प्रभु श्री राम से प्रार्थना की और सेट बैठ गये। तभी एक कौआ उड़ते हुए आया और बालक राम के पास बैठ गया। बालक ने उस पर हाथ फिराया और शूटिंग पूरी हो गयी। जैसे ही रामानंद सागर ने कट बोला, कौआ उड़ कर चला गया। उन्होंने बताया कि बारिश के दिनों में शूटिंग स्थल पर साप घूमा करते थे लेकिन कभी किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया। उन्होंने कहा कि सीता जी ने अग्निपरीक्षा इसलिये दी कि वह स्वयं को सिद्ध करना चाहती थीं। उन्होंने कहा कि रामायण के प्रत्येक पात्र से हमें शिक्षा मिलती है, ये इसका अध्ययन हृदय से किया जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि सनातन सबसे पुराना धर्म है, अब तो दुनिया के तमाम देश इसके महत्व को स्वीकार रहे हैं। हमें सनातन पर गर्व होना चाहिये। दीपिका ने बताया कि वह नजारा टीवी के लिये एक भारावाहिक ‘धरती पुत्र नंदिनी’ बना रही है। वह इसमें अभिनय भी कर रही हैं।
महर्षि वाल्मीकि से लें प्रेरणा कार्यक्रम में आये प्रदेश के मंत्री अनूप वाल्मीकि व राकेश सचान ने यहा स्वच्छता सेनानियों व अन्य प्रमुख लोगों को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि श्री राम सेवा मिशन का यह कार्यक्रम समाज में सही अर्थों में समरसता लाने में सहायक होगा। श्री राम सेवा मिशन के संरक्षक रमेश अवस्थी ने कहा कि समाज में समरसता का भाव आए और महर्षि वाल्मीकि को शिक्षाएं, जो उन्होंने रामायण के जरिये दी है, उनका प्रसार हो, श्री राम सेवा मिशन का वही लक्ष्य है।
इन्हें किया गया सम्मानित
कार्यक्रम में महापौर प्रमिला पांडेय, विधायक सुरेन्द्र मैथानी, महेश त्रिवेदी, नीलिमा कटियार, एमएलसी अरुण पाठक, जिला पंचायत अध्यक्ष स्वनिल वरुण, राजू बाल्मीकि, अजीत बागमार, धनीराम पैंथर, मुन्ना पहलवान, रामगोपाल समुद्रे, दिनेश छविलाल सुदर्शन, रामजियावन सागर, चमन विरिया, गंगू बाबा के परिजन, मनोज सेंगर, मापवी सेंगर, समाजसेवी संजीव दीक्षित, प्रेस क्लब के अध्यक्ष सरस जी महामंत्री शैलेश अवस्थी, गौरव सारस्वत, अवनीश दीक्षित, स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी हरिराम गुप्ता को सम्मानित किया गया। इनके अलावा निगम डिपी वर्मा, सुमित दिवाकर, महाव आलम, बृजेश शुक्ला आदि को स्वच्छता सेनानी सम्मान से सम्मानित किया गया। इसी तरह महंत अरुण चैतन्य पुरी, महंत कृष्णदास, महंत जितेन्द्र दास, सिख समाज के मनप्रीत सिंह भट्टी, ईसाई समाज के सत्येन्द्र सिन्हा सहित सभी धर्मों के प्रमुख लोगों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में सचिन अवस्थी नरेन्द्र त्रिपाठी, रघुनंदन सिंह भदौरिया, भूपेश अवस्थी, सुरेश अवस्थी, सर्वेश पाण्डेय निन्नी आदि थे, कार्यक्रम में भाग लेने आईं प्रदेश सरकार की मंत्री प्रतिभा शुक्ला ने भी लोगों को सम्मानित किया, कार्यक्रम में स्वच्छता सेनानी, वाल्मीकि सेवा सम्मान, सनातन सेवा सम्मान से सौ से अधिक लोगों को सम्मानित किया गया, कार्यक्रम की विशेषता यह रही कि इसमें सभी धर्म के धर्माचार्यों ने भाग लिया और सनातन संस्कृति को आज के परिप्रेक्ष्य में उपयोगी बताया।