राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने गुरु तेग बहादुर जी के ‘शहीदी दिवस’ की पूर्व संध्या पर अपने संदेश में कहा-
“मैं गुरु तेग बहादुर जी के शहीदी दिवस के अवसर पर, उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं।
गुरु तेग बहादुर जी ने धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया था इसीलिए उनके बारे में सही ही कहा जाता है कि “सिर दिया पर सार न दिया।” उनके बलिदान को सदैव याद किया जाएगा।
उनका यह बलिदान समस्त मानवता के लिए था, जिसके लिए उनको ‘हिन्द की चादर’ कहा गया है।
आइए हम सब गुरु तेग बहादुर जी के एकता और भाईचारे के जीवन मूल्यों को अपनाने का संकल्प लें।”