जी-20 देशों के अलावा 10 अन्य देश और अंतर्राष्ट्रीय संगठन भी शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे: लोकसभा अध्यक्ष
प्रधानमंत्री 13 अक्टूबर को नई दिल्ली में ‘9वें जी20 संसदीय अध्यक्ष शिखर सम्मेलन (पी-20)’ का करेंगे उद्घाटन
नई दिल्ली,7 अक्टूबर।‘9वां जी20 संसदीय अध्यक्ष शिखर सम्मेलन (पी-20)’ 13 से 14 अक्टूबर 2023 तक नवनिर्मित इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर (आईआईसीसी), यशोभूमि, द्वारका, नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 13 अक्टूबर 2023 को इस शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने यहां एक संवाददाता सम्मलेन को संबोधित करते हुए बताया कि जी-20 देशों के अलावा 10 अन्य देश एवं अंतर्राष्ट्रीय संगठन भी इस शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे और अब तक 26 अध्यक्षों, 10 उपाध्यक्षों, 01 समिति के अध्यक्ष और आईपीयू अध्यक्ष सहित 50 सांसदों और 14 महासचिवों ने इसमें अपनी भागीदारी की पुष्टि कर दी है। ओम बिरला ने यह भी कहा कि पैन अफ्रीकी संसद के अध्यक्ष पहली बार भारत में पी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे।
इस अवसर पर ओम बिरला ने कहा कि ‘वसुधैव कुटुम्बकम – एक पृथ्वी, एक कुटुम्ब, एक भविष्य’ की भावना के साथ भारत का लक्ष्य और भी अधिक समावेशी, शांतिपूर्ण एवं निष्पक्ष दुनिया बनाने के लिए जटिल वैश्विक मुद्दों का सर्वसम्मति-आधारित सटीक समाधान प्रदान करना है।
ओम बिरला ने बताया कि पी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान चार उच्चस्तरीय सत्र आयोजित किए जाएंगे:
• एसडीजी में तेजी लाना
• ऊर्जा में टिकाऊ बदलाव
• महिलाओं के नेतृत्व में विकास
• सार्वजनिक डिजिटल प्लेटफॉर्मों के जरिए लोगों के जीवन में व्यापक बदलाव लाना
ये सत्र दरअसल ‘पी-20 के उद्देश्यों को संसद आखिरकार कैसे प्रभावकारी ढंग से आगे बढ़ा सकती हैं’ पर व्यापक चर्चा के लिए जी-20 के सदस्य देशों और अतिथि देशों को एक मंच पर लाएंगे। ओम बिरला ने बताया कि शिखर सम्मेलन का समापन एक संयुक्त वक्तव्य जारी करने के साथ होगा जिसमें जी-20 देशों की सरकारों से समानता, समावेशिता और शांति के आधार पर प्रमुख वैश्विक चुनौतियों का समाधान प्रदान करने का अनुरोध किया जाएगा।
शिखर सम्मेलन से पहले 12 अक्टूबर 2023 को ‘लाइफ (पर्यावरण के लिए जीवन शैली)’ पर एक संसदीय फोरम का आयोजन किया जाएगा। ‘लाइफ’ का शुभारंभ 20 अक्टूबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस द्वारा केवडि़या, गुजरात में किया गया था। यह पहल पर्यावरण के प्रति जागरूक जीवन शैली और ‘कम करें, पुन: उपयोग करें एवं पुनर्चक्रण’ के सिद्धांत के आधार पर सतत विकास की दिशा में प्रभावकारी ढंग से काम कर रही है।
शिखर सम्मेलन के दौरान भारत की प्राचीन और सहभागी लोकतांत्रिक परंपराओं पर प्रकाश डालने के लिए ‘लोकतंत्र की जननी’ प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जाएगा।