हमारे डिजिटल रूप से कुशल युवा उद्यमी और समाज के धन सृजनकर्ता बनने हेतु प्रौद्योगिकी की क्षमताओं का सदुपयोग कर सकते हैं- धर्मेंद्र प्रधान

धर्मेंद्र प्रधान ने डिजिटल कौशल एवं उभरती प्रौद्योगिकियों से जुड़े कौशल के संबंध में आईबीएम के साथ विभिन्न समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर की, की अध्यक्षता

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नई दिल्ली, 28सितंबर। केन्द्रीय शिक्षा तथा कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शिक्षा तथा कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालयों की विभिन्न एजेंसियों एवं आईबीएम के बीच आठ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर की अध्यक्षता की और इस अवसर पर मुख्य भाषण दिया।

इस कार्यक्रम में बोलते हुए धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि अपनी विशाल और युवा आबादी के साथ भारत असीम संभावनाओं के शीर्ष पर खड़ा है। इस जनसांख्यिकीय लाभांश का सदुपयोग करने हेतु युवाओं को आज की आधुनिक श्रमशक्ति में उत्कृष्टता हासिल करने के लिए आवश्यक कौशल से लैस करना महत्वपूर्ण है। यह सहयोग ‘कुशल भारत’ के हमारे दृष्टिकोण और आईबीएम के स्किल्सबिल्ड प्लेटफॉर्म का उपयोग करके उभरती प्रौद्योगिकियों में डिजिटल कौशल प्रशिक्षण तथा कौशल निर्माण को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि आज बनी ये साझेदारियां हमारे शिक्षार्थियों को प्रौद्योगिकी की वास्तविक क्षमता का दोहन करने और उन्हें भावी धन सृजनकर्ता एवं समाज का उद्यमी बनाने में काफी मदद करेंगी।

विभिन्न समझौता ज्ञापनों (एमओयू) के तहत भारत में युवाओं को भविष्योन्मुखी कौशल से लैस करके सशक्त बनाने के लिए तैयार पाठ्यक्रम प्रदान किए जायेंगे। यह सहयोग स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा और एआई (जेनरेटिव एआई सहित), साइबर सुरक्षा, क्लाउड कंप्यूटिंग एवं व्यावसायिक विकास कौशल जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों से जुड़े व्यावसायिक कौशल में शिक्षार्थियों को कुशल बनाने हेतु पाठ्यक्रम के सह-निर्माण पर ध्यान केन्द्रित करेगा।

एमओई और एमएसडीई के साथ आईबीएम के सहयोग का विस्तार शिक्षा के तीन प्रमुख स्तरों तक है:

• स्कूली शिक्षा: आईबीएम नवोदय विद्यालय समिति (एनवीएस), राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) और केन्द्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) द्वारा पहचाने गए स्कूलों में हाईस्कूल के छात्रों, शिक्षकों एवं प्रशिक्षकों के लिए अत्याधुनिक कौशल से संबंधित आईबीएम स्किल्सबिल्ड के डिजिटल सामग्री को सुलभ कराएगा। यह कार्यक्रम आईबीएम के सीएसआर कार्यान्वयन के भागीदारों द्वारा आयोजित वेबिनार और व्यक्तिगत कार्यशालाओं के माध्यम से ऑनलाइन पेश किया जाएगा।

इसके अलावा, आईबीएम कक्षा 11 एवं 12 के लिए सीबीएसई के एआई पाठ्यक्रम को अद्यतन करेगा और हाईस्कूल के विद्यार्थियों के लिए आईबीएम स्किल्सबिल्ड पर होस्ट किए जाने वाले साइबर कौशल एवं ब्लॉकचेन से संबंधित पाठ्यक्रम विकसित करेगा।

• उच्च शिक्षा: आईबीएम, अपने सीएसआर कार्यान्वयन के भागीदारों के माध्यम से, उच्च शिक्षा विभाग, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई), राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईईएलआईटी), राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान (एनआईटीटीटीआर), चंडीगढ़ और विभिन्न राज्यों के कौशल मिशनों के साथ मिलकर संबद्ध छात्रों व संकाय को आईबीएम स्किल्सबिल्ड से जोड़ने तथा उन्हें डिजिटल सामग्री, अनुभवात्मक शिक्षा एवं नए कौशल को सुलभ कराने के लिए काम करेगा ताकि वे तकनीकी क्षेत्र में करियर को अपनाने में सक्षम हो सकें।

• व्यावसायिक कौशल: आईबीएम एमएसडीई के साथ अपनी केन्द्रीय साझेदारी को जारी रखेगा और प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी) तथा संबंधित राज्य व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विभागों के साथ मिलकर काम करेगा ताकि दीर्घकालिक रूप से बेरोजगारों व स्कूली पढाई बीच में ही छोड़ने वालों सहित नौकरी चाहने वालों को आईबीएम स्किल्सबिल्ड से जोड़ा जा सके और उन्हें श्रमशक्ति में फिर से प्रवेश करने के लिए आवश्यक तकनीकी एवं व्यावसायिक कौशल हासिल करने में समर्थ बनाया जा सके।

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