`भारत जल्द ही हाइड्रोजन के उत्पादन और निर्यात का केंद्र बनेगा: हरदीप सिंह पुरी
`केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने नई दिल्ली के कर्तव्य पथ से पहली हरित हाइड्रोजन ईंधन सेल बस को हरी झंडी दिखाई
नई दिल्ली, 26सितंबर। प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को दोहराते हुए कि हरित हाइड्रोजन न केवल हरित नौकरियों के माध्यम से हरित विकास का आधार बनेगा, बल्कि यह स्वच्छ ऊर्जा रूपातंरण की दिशा में दुनिया के लिए एक उदाहरण भी स्थापित करेगा, केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस और आवास एवं शहरी मामले मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा “दिल्ली में ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए माननीय प्रधानमंत्री ने विद्युत गतिशीलता, गैस आधारित अर्थव्यवस्था और मिशन मोड पर ग्रीन हाइड्रोजन को ले जाने के माध्यम से ऊर्जा उत्पादन में आत्मनिर्भरता की घोषणा की।” श्री हरदीप सिंह पुरी ने यह कर्तव्य पथ, नई दिल्ली से पहली हरित हाइड्रोजन ईंधन सेल बस को हरी झंडी दिखाने के अवसर पर संबोधित करते हुए कहा। इस अवसर पर पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस तथा श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री श्री रामेश्वर तेली; पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सचिव श्री पंकज जैन; और इंडियन ऑयल के अध्यक्ष श्री एस एम वैद्य भी उपस्थित थे।
स्वच्छ और हरित ऊर्जा पर सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं के बारे में बोलते हुए, श्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि हाइड्रोजन और जैव-ईंधन जैसे उभरते ईंधन अगले दो दशकों में वैश्विक वृद्धिशील ऊर्जा मांग वृद्धि का 25प्रतिशत हिस्सा होंगे। उन्होंने कहा, “दुनिया के सबसे बड़े सिंक्रोनस ग्रिडों में से एक के साथ, हमने ‘वन नेशन-वन ग्रिड-वन फ़्रीक्वेंसी’ हासिल की है और जल्द ही हाइड्रोजन के उत्पादन और निर्यात में वैश्विक विजेता होंगे और हरित हाइड्रोजन के केंद्र के रूप में उभरने के लिए तैयार हैं।”`
भारत को एक वैश्विक मंच पर ले जाने और यह सुनिश्चित करने में कि यह स्वच्छ प्रौद्योगिकियों के लिए एक वैश्विक केंद्र बन जाए और जल्द ही ऊर्जा में आत्मनिर्भरता हासिल कर पाए पर उद्योग और सरकार के सहयोग की सराहना करते हुए, पेट्रोलियम मंत्री ने कहा “हमें दुनिया के पहले बीएस 6 (स्टेज II) विद्युतीकृत फ्लेक्स फ्यूल वाहन प्रोटोटाइप जिसमें फ्लेक्स फ्यूल इंजन के साथ-साथ एक इलेक्ट्रिक पावरट्रेन भी शामिल है और जो बेहतर ईंधन दक्षता के साथ इथेनॉल का उच्च उपयोग प्रदान करता है, के लॉन्च की जानकारी थी। अब पहली दो हाइड्रोजन सेल बसों को हरी झंडी दिखाने के साथ हमने शुरुआत कर दी है और उम्मीद है कि इस साल के अंत तक ऐसी 15 अन्य बसें दिल्ली एनसीआर की सड़कों पर चलेंगी।”
हरित हाइड्रोजन चालित बसों को देश में शहरी परिवहन के लिए गेम चेंजर के रूप में चिह्नित करते हुए, श्री हरदीप सिंह पुरी ने देश में ईंधन सेल और हाइड्रोजन के बुनियादी ढांचे से संबंधित स्वदेशी समाधानों के विकास के लिए टाटा मोटर्स के साथ इस सहयोगी दृष्टिकोण को अपनाने के लिए इंडियन ऑयल की सराहना की। श्री पुरी ने कहा, “इस परियोजना की सफलता भारत को जीवाश्म ऊर्जा के शुद्ध आयातक से स्वच्छ हाइड्रोजन ऊर्जा के शुद्ध निर्यातक बनने में मदद कर सकती है।”
इस अवसर पर बोलते हुए, श्री रामेश्वर तेली ने कहा, “ग्रीन हाइड्रोजन मिशन, जिसका उद्देश्य भारत में ग्रीन हाइड्रोजन पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करना है, एक विकासात्मक और प्रगतिशील पथ पर है। कार्बन-मुक्त अर्थव्यवस्था में के रूप में परिवर्तित होने में हाइड्रोजन एक प्रमुख खिलाड़ी होगा और जलवायु परिवर्तन को कम करने में मदद करेगा। आज का लॉन्च निश्चित रूप से स्वच्छ और हरित राष्ट्र बनने की भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा।”
सभा को संबोधित करते हुए पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सचिव श्री पंकज जैन ने कहा कि हम प्रौद्योगिकी और गतिशीलता के एक महत्वपूर्ण मोड़ पर हैं। उन्होंने जोड़ा, “आज ग्रीन हाइड्रोजन बस को हरी झंडी दिखाना इस बात का प्रतीक है कि गतिशीलता कैसे बदल जाएगी और भारत पारंपरिक ईंधन से कैसे दूर हो जाएगा। हाइड्रोजन के क्षेत्र में इस क्रांतिकारी प्रयास के लिए इंडियन ऑयल को मेरी बधाई।” उन्होंने स्कूली बच्चों को नई हरित प्रौद्योगिकियों के बारे में जिज्ञासु होने और यह जानने के लिए प्रोत्साहित किया कि ये प्रौद्योगिकियां हमें आंतरिक दहन इंजन से कैसे दूर ले जाएंगी।
इससे पहले दिन में, गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत करते हुए, इंडियन ऑयल के अध्यक्ष श्री एस एम वैद्य ने कहा कि हाइड्रोजन, वर्ष 2070 तक नेट-शून्य उत्सर्जन प्राप्त करने की भारत के महत्वाकांक्षी लक्ष्य में गेम चेंजर बनने के लिए तैयार है। राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के लिए प्रधानमंत्री का दृष्टिकोण और आज हरित हाइड्रोजन ईंधन सेल बसों को हरी झंडी दिखाना मोबिलिटी क्षेत्र को हरित बनाने के लिए स्थायी समाधान तैयार करने की दिशा में इंडियन ऑयल की दृढ़ प्रतिबद्धता का प्रमाण है। भारत सरकार और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सक्रिय समर्थन से, यह मील का पत्थर शून्य उत्सर्जन गतिशीलता की दिशा में देश की यात्रा में एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक है। इस कार्यक्रम के तहत, भारतीय परिचालन स्थितियों के तहत प्रदर्शन डेटा स्थापित करने के लिए दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में निर्दिष्ट मार्गों पर 15 ईंधन सेल बसें चलाई जाएंगी। संपूर्ण मूल्य श्रृंखला की प्रभावकारिता, दक्षता और स्थिरता स्थापित करने के लिए ये 15 बसें कुल 3 लाख किलोमीटर की दूरी तय करेंगी।