`आरसीआई पंजीकृत व्यवसायों के लिए “एनआईईपीआईडी इंडियन टेस्ट ऑफ इंटेलिजेंस” पर सीआरई पहले बैच के प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ
नई दिल्ली,18 सिंतबर। डीईपीडब्ल्यूडी, एमएसजेएंडई, भारत सरकार में सचिव राजेश अग्रवाल ने आरसीआई पंजीकृत व्यवसायों के लिए “एनआईईपीआईडी इंडियन टेस्ट ऑफ इंटेलिजेंस” पर सीआरई प्रशिक्षण कार्यक्रम के पहले बैच का शुभारंभ किया। इस अवसर पर डीईपीडब्ल्यूडी, एमएसजेएंडई, भारत सरकार में संयुक्त सचिव राजीव शर्मा भी उपस्थित रहे। एनआईईपीआईडी के निदेशक बी वी राम कुमार ने इतने कम समय की पूर्व सूचना पर शामिल हुए आठ राज्यों के सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया। डीईपीडब्ल्यूडी सचिव ने स्वदेशी परीक्षण विकसित करने के लिए एनआईईपीआईडी टीम की सराहना की, जो समय की आवश्यकता है। उन्होंने घोषणा की कि परीक्षण को डीजीएचएस द्वारा अनुमोदित कर दिया गया है और इसे दिव्यांग प्रमाणपत्र जारी करने के लिए एक अतिरिक्त परीक्षण के रूप में शामिल किया गया है।
उन्होंने बताया कि एनआईईपीआईडी इंडियन टेस्ट ऑफ इंटेलिजेंस के उपयोग से बना पहला दिव्यांगता प्रमाणपत्र और यूडीआईडी कार्ड अक्टूबर, 2023 के पहले सप्ताह में जारी किया जाएगा। बैठक में यह भी घोषणा की गई कि सार्क देशों के प्रतिभागियों के लिए एनआईईपीआईडी इंडियन टेस्ट ऑफ इंटेलिजेंस और इंडियन स्केल फॉर असेसमेंट ऑफ ऑटिज्म (आईएसएए) पर नवंबर और दिसंबर महीने में दो अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
अपने संबोधन के दौरान, ईसी के संयुक्त सचिव और अध्यक्ष राजीव शर्मा ने बताया कि परीक्षण का जल्द ही हिंदी और अन्य स्थानीय भाषाओं में अनुवाद किया जाएगा। इस अवसर पर यह घोषणा भी की गई कि कार्यशालाओं की अगली श्रृंखला एनआई, डीडीआरसी, सीडीईआईसी और जिला मेडिकल बोर्डों के प्रशिक्षण कर्मचारियों पर केंद्रित होगी, जिससे आरसीआई पंजीकृत पुनर्वास/ नैदानिक मनोवैज्ञानिकों को दिव्यांगता प्रमाण पत्र जारी करने के उद्देश्य से इस परीक्षण का उपयोग करने के लिए प्रशिक्षित किया जा सके। यह घोषणा की गई थी कि एनआईईपीआईडी इंडियन टेस्ट ऑफ इंटेलिजेंस को पेटेंट कराया जाएगा और पेशेवरों पर बोझ को कम करने के लिए एक मुक्त स्रोत के रूप में रखा जाएगा। दरअसल, मौजूदा अंतर्राष्ट्रीय उपकरणों की लागत काफी ज्यादा है। विभाग अनुकूल व्यवहार मूल्यांकन स्केल (एडाप्टिव बिहैवियर एसेसमेंट स्केल) और एसएलडी टूल पर एक परियोजना भी शुरू करने जा रहा है जिसे भारतीय आबादी पर विकसित और मानकीकृत किया जाएगा।
एनआईईपीआईडी इंडियन टेस्ट ऑफ इंटेलिजेंस की प्रिंसिपल प्रोजेक्ट एडवाइजर डॉ. सरोज आर्य ने पेशेवरों से आईक्यू के मूल्यांकन में नैतिक प्रक्रियाओं का पालन करने का आग्रह किया है। एनआईईपीआईडी के निदेशक बी. वी. राम कुमार ने आश्वासन दिया है कि अधिकतम संख्या में पेशेवरों तक पहुंच स्थापित करने के लिए क्षेत्रीय प्रशिक्षण कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी।
यह बैठक एनआईईपीआईडी के आरएंडडी समन्वयक डॉ. आर. शिल्पा मनोगना के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ समाप्त हुई।