नई दिल्ली, 14 सितंबर। देने से इनकार कर दिया. मनोज तिवारी की ओर से पेश वकील शंशाक शेखर झा ने सुप्रीम कोर्ट के सामने ये मामला उठाया. उन्होंने कहा कि दिल्ली जैसे कुछ राज्यों ने पटाखों पर पूरी तरह से बैन लगा दिया है. ग्रीन पटाखों की भी इजाज़त नहीं है.
कोर्ट ने कहा,“अगर कोई सरकार राज्य के स्थानीय हालात के मद्देनजर पटाखों पर पूरी तरह बैन लगाती है तो वो लगा सकती है. कोर्ट इसमें अपनी ओर से दख़ल नहीं देगा. अगर आप पटाखें छोड़ना ही चाहते हैं तो ऐसे राज्य में आ जाइए, जहां पटाखों पर बैन नहीं लगाया गया है.”
वहीं वकील गोपाल शंकर नारायणन ने कहा कि दिल्ली में बैन के बावजूद पटाखे फोड़े गए है. बैन के बावजूद ऐसे पटाखें दिल्ली पहुंच रहे हैं. इन पटाखों में बेरियम जैसे प्रतिबंधित केमिकल वाले पटाखें भी शामिल हैं. ऐसे में दिल्ली पुलिस और दूसरी एजेंसियों की जिम्मेदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए.
कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कहा कि वो कल इस पर भी अपना पक्ष रखें.