आरईसी ने एक्जिम बैंक के साथ 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर के विदेशी मुद्रा सावधि ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए
नई दिल्ली, 7सितंबर।ऊर्जा मंत्रालय के तहत आने वाले केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के महारत्न उपक्रम आरईसी लिमिटेड ने भारतीय निर्यात आयात बैंक (एक्जिम बैंक) के साथ 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर के विदेशी मुद्रा सावधि ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इसका उपयोग आरईसी के बिजली, बुनियादी ढांचे और लॉजिस्टिक्स क्षेत्रों के उधारकर्ताओं द्वारा पूंजीगत उपकरणों के आयात की पुनर्वित्त सुविधा के लिए किया जाएगा। यह कर्ज आरईसी के 2023-24 के लिए 1.20 लाख करोड़ रूपए के बाजार उधारी कार्यक्रम के एक हिस्से के तौर पर जुटाया जाएगा।
एक्जिम बैंक द्वारा आरईसी को दिया जाने वाला यह पहला सावधि ऋण होगा। यह ऋण 5 साल की अवधि के लिए दिया जाएगा और इस पर एसओएफआर ( सुरक्षित ओवरनाइट वित्तीय दर) के मुताबिक ब्याज लिया जाएगा। यह दर अमेरिकी डॉलर में लिए जाने कर्ज की बेंचमार्क दर है।
आरईसी लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक श्री विवेक कुमार देवांगन ने इस अवसर पर कहा कि बिजली, अवसंरचना और लॉजिस्टिक्स क्षेत्रों की वित्तपोषण आवश्यकताओं को पूरा करने और एक्जिम बैंक ऑफ इंडिया के साथ 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर करके हमे प्रसन्नता हो रही है।
आरईसी लिमिटेड देशभर में विद्युत क्षेत्र के वित्त पोषण और विकास पर ध्यान केंद्रित करने वाली एक गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) है। आरईसी लिमिटेड की स्थापना 1969 में हुई थी और तब से इसने परिचालन में रहते हुए पचास से अधिक वर्ष का समय पूरा कर लिया है। यह राज्य बिजली बोर्डों, राज्य सरकारों, केंद्र/राज्य बिजली सेवाओं, स्वतंत्र विद्युत उत्पादकों, ग्रामीण विद्युत सहकारी समितियों और निजी क्षेत्र की ऐसी ही कंपनियों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराता है। इसकी व्यावसायिक गतिविधियों में समूचे बिजली क्षेत्र की मूल्य श्रृंखला जैसे कि बिजली उत्पादन, पारेषण, वितरण और नवीकरणीय ऊर्जा सहित विभिन्न प्रकार की परियोजनाओं का वित्त पोषण शामिल हैं। भारत में जलने वाला हर चौथा बल्ब आरईसी से वित्तपोषित है और आरईसी ने हाल ही में बुनियादी ढांचे और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र के वित्तपोषण का भी काम शुरू किया है।