चेन्नई , 4सितंबर। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और डीएमके सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने शनिवार को बेहद आपत्तिजनक बयान दिया। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म मलेरिया और डेंगू की तरह है और इसलिए इसे खत्म किया जाना चाहिए, न कि केवल इसका विरोध किया जाना चाहिए। उदयनिधि स्टालिन सनातन धर्म को मिटाने के लिए आयोजित एक सम्मेलन में बोल रहे थे।
दरअसल, तमिलनाडु में “संतानम उन्मूलन सम्मेलन” आयोजित किया गया था जिसमें कई बड़े नेता शामिल हुए थे। बड़ी बात ये है कि तमिलनाडु के मानव संसाधन मंत्री पीके शेखरबाबू ने भी भाग लिया, जो हजारों प्राचीन हिंदू मंदिरों को नियंत्रित करते हैं और हजारों को इकट्ठा करते हैं।
इस सम्मेलन से जुड़ी एक क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है जिसमें उनको यह कहते हुए सुना जा सकता है कि सनातन धर्म को खत्म करने के लिए इस सम्मेलन में मुझे बोलने का मौका देने के लिए मैं आयोजकों को धन्यवाद देता हूं। आगे बोलते हैं कि मैं सम्मेलन को ‘सनातन धर्म का विरोध’ करने के बजाय ‘सनातन धर्म को मिटाओ’ कहने के लिए आयोजकों को बधाई देता हूं।
उनके बोल यहीं नहीं रुके आगे उदयनिधि स्टालिन बोले कि कुछ चीजें हैं जिनका हमें उन्मूलन (समाप्त) करना है और हम केवल विरोध नहीं कर सकते। मच्छर, डेंगू बुखार, मलेरिया, कोरोना, ये सभी चीजें हैं जिनका हम विरोध नहीं कर सकते, हमें इन्हें मिटाना है और सनातन धर्म भी ऐसा ही है। सनातनम को खत्म करना और उसका विरोध न करना हमारा पहला काम होना चाहिए।
तमिलनाडु के युवा कल्याण और खेल विकास मंत्री उदयनिधि स्टालिन कई दफा हिंदी के खिलाफ बोल चुके हैं। उन्होंने कहा कि द्रमुक और कांग्रेस का राज्य में चुनावी गठबंधन है। लोगों से 2024 के संसदीय चुनावों में द्रमुक और उसके सहयोगियों को वोट देने की भी अपील की।