नई दिल्ली, 31अगस्त। केंद्र सरकार की नवोन्मेषी रोजगार प्रोत्साहन योजना, आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना ने अपने प्रारंभिक रोजगार सृजन लक्ष्यों को पार कर लिया है, जो कि कोविड-19 महामारी के दौरान रोजगार सृजन में अपनी सफलता को दर्शाता है।
श्रम और रोजगार मंत्रालय ने बताया है कि इस योजना ने मार्च 2022 में पंजीकरण की अंतिम तिथि तक पूरे भारत में लगभग 71 लाख 80 हजार कर्मचारियों को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा था।
31 जुलाई 2023 तक, योजना ने पहले ही इस लक्ष्य को हासिल कर लिया। 75 लाख 80 हजार से अधिक नए कर्मचारियों की संख्या, जो इसके प्रारंभिक रोजगार सृजन लक्ष्य को पार कर गई है।
मंत्रालय ने बताया कि अब तक कुल एक लाख 52 हजार 380 प्रतिष्ठानों ने 60 लाख 44 हजार 155 नए कर्मचारियों को रोजगार दिया है और सभी पात्रता शर्तों को पूरा करने पर नौ हजार छह सौ 69 करोड़ 87 लाख रुपये की राशि का लाभ उठाया है।
मंत्रालय ने कहा कि यह योजना अक्टूबर 2020 में शुरू की गई थी, जिसे कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के साथ पंजीकृत संस्थानों के नियोक्ताओं को वित्तीय सहायता प्रदान करके नई नौकरी के अवसर सृजित करने के लिए आत्मनिर्भर भारत योजना तैयार की गई है।
मंत्रालय ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य एक हजार कर्मचारियों वाले संस्थानों या कंपनी के लिए कर्मचारी और नियोक्ता दोनों के अंशदान को शामिल किया गया है जो वेतन का 24 प्रतिशत था।
इसका उद्देश्य महामारी के कारण रोजगार से वंचित सहित बेरोजगार व्यक्तियों को रोजगार प्रोत्साहन देना है। इसमें आगे कहा गया है कि एक हजार से अधिक कर्मचारियों वाले संस्थानों के लिए नए रोजगार के संबंध में केवल कर्मचारी के कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के अंशदान को शामिल किया गया है जो वेतन का 12 प्रतिशत था।