नई दिल्ली, 4अगस्त। एमओएचयूए ने अंतर्राष्ट्रीय शून्य कचरा दिवस 2023 के अवसर पर अक्टूबर 2024 तक 1000 शहरों को 3-स्टार कचरा मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है। स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम-यू) 2.0 की 1 अक्टूबर, 2021 को पांच साल की अवधि के लिए शुरूआत की गई। इसमें कचरे को स्रोत से अलग करने, घर-घर से कचरा एकत्र करने और वैज्ञानिक लैंडफिल में सुरक्षित निपटान सहित कचरे के सभी अंशों के वैज्ञानिक प्रबंधन के माध्यम से सभी शहरों के लिए 100 प्रतिशत कचरा मुक्त स्थिति हासिल करना शामिल है। यूएलबी के बीच एक प्रतिस्पर्धी, मिशन-मोड भावना को प्रोत्साहित करने के लिए, इस मंत्रालय ने तीसरे पक्ष के सत्यापन द्वारा शहर के नगरपालिका ठोस कचरा प्रबंधन का आकलन करने के लिए “कचरा मुक्त शहर” (जीएफसी) – स्टार रेटिंग प्रोटोकॉल शुरू किया।
संविधान की 7वीं अनुसूची के तहत स्वच्छता राज्य का विषय है। देश के शहरी क्षेत्रों में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) सहित स्वच्छता परियोजनाओं की योजना, डिजाइन, निष्पादन, संचालन और रखरखाव करना राज्य/यूएलबी की जिम्मेदारी है। हालाँकि, आवास और शहरी मामलों का मंत्रालय (एमओएचयूए) अतिरिक्त वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करके सुविधा प्रदान कर रहा है।
राज्यों/यूएलबी को तकनीकी सहायता के लिए, एमओएचयूए ने ठोस कचरा प्रबंधन (एसडब्ल्यूएम) और प्रयुक्त जल प्रबंधन (यूडब्ल्यूएम) के सभी पहलुओं को कवर करने वाली सलाह दी है, जिसमें नियमित क्षमता निर्माण परस्पर प्रभाव के साथ योजना, डिजाइन और संचालन और रखरखाव शामिल है।
एसबीएम-यू के तहत राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा कचरा प्रबंधन और स्वच्छता में की गई प्रगति का नियमित रूप से मूल्यांकन किया जाता है, जिसके लिए कचरा मुक्त शहर (जीएफसी) और ‘स्वच्छ सर्वेक्षण’ के माध्यम से भी यूएलबी को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ), ओडीएफ+, ओडीएफ++ और स्टार रेटिंग के रूप में प्रमाणित करने के लिए मानक संचालन प्रोटोकॉल (एसओपी) विकसित किए गए हैं। राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में एसबीएम-यू की प्रगति की निगरानी समय-समय पर समीक्षा और बैठकों, वेबिनार, कार्यशालाओं आदि के माध्यम से और समर्पित एसबीएम-यू पोर्टल के माध्यम से की जाती है।
आवास और शहरी कार्य मंत्रालय में राज्य मंत्री कौशल किशोर ने लोक सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।