इंदौर, 19जून। महाकाल लोक के बाद उज्जैन एक बार फिर त्रिपुरारी नीलकंठ महादेव के त्रिनेत्र में रंगने जा रहा है। उज्जैन के रेलवे स्टेशन के नवीनीकरण में स्टेशन का जो नक्शा मंजूर किया गया, उसमें नए स्टेशन के भवन की इमारत का प्रवेश द्वार भगवान शिव के त्रिनेत्रों के आकार में बनेगा, जिसमें यात्रीगण तीसरे नेत्र से प्रवेश करेंगे एवं दोनों नेत्रों से बाहर निकलेंगे। आगामी महीनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंदौर और उज्जैन रेलवे स्टेशन रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट की आधारशिला रख सकते हैं।
पिछले दिनों केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने उज्जैन रेलवे स्टेशन रीडेवलपमेंट का डिजाइन न केवल फाइनल कर दिया, बल्कि उसकी सराहना भी की। उन्होंने प्रोजेक्ट को लेकर दूसरी तैयारियां शुरू करने के निर्देश दिए हैं। उज्जैन रेलवे स्टेशन रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट में करीब 825 करोड़ रुपए की लागत आंकी गई है। योजना से उज्जैन रेलवे स्टेशन का स्वरूप वर्तमान से कहीं ज्यादा भव्य और सुंदर हो जाएगा। सूत्रों ने बताया कि इंदौर और उज्जैन रेलवे स्टेशन रीडेवलपमेंट का काम करीब-करीब साथ-साथ चलेगा। उज्जैन में महाकाल लोक बनने के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में खासा इजाफा हुआ है। इसके बाद लोगों की श्रद्धा को देखते हुए उज्जैन रेलवे स्टेशन रीडेवलपमेंट के तहत बनने वाली नई इमारत का डिजाइन भी उसी तर्ज पर रखा गया है। डिजाइन इस तरह तैयार किया गया है कि भगवान शिव के तीसरे नेत्र से ही आने-जाने वाले यात्री आवागमन करेंगे। इसके अलावा दोनों नेत्रों से भी आगम एवं निर्गम मार्ग बनाए जाएंगे। उज्जैन की पहचान महाकाल मंदिर से है, इसलिए स्टेशन भी उसी थीम पर बनाया जा रहा है।
तीन साल में तैयार होगा प्रोजेक्ट
अफसरों की मानें तो रीडेवलपमेंट कार्य पूरा करने में लगभग तीन साल का समय लग सकता है। हालांकि, रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट में उज्जैन स्टेशन पर प्लेटफॉर्म की संख्या बढ़ाने या पिट लाइन बनाने जैसी कोई योजना नहीं है। फिलहाल प्रोजेक्ट को लेकर विभिन्न तैयारियां हो रही हैं और जल्द ही इंदौर के साथ उज्जैन रेलवे स्टेशन रीडेवलपमेंट के टेंडर भी बुलाए जाएंगे। सबसे खास बात यह होगी कि उसके दोनों तरफ नई भव्य स्टेशन बिल्डिंग बनाई जाएंगी।
दोनों महत्वपूर्ण स्टेशन विकसित होंगे
रतलाम रेल मंडल के दोनों सबसे महत्वपूर्ण स्टेशन इंदौर और उज्जैन स्टेशन रीडेवलपमेंट योजना में शामिल किए गए हैं। छोटे स्टेशनों का विकास अमृत भारत स्टेशन योजना में होना है, जिनमें लक्ष्मीबाईनगर, रतलाम, देवास, नागदा, मंदसौर, दाहोद और नीमच समेत 16 स्टेशन शामिल हैं। इसके लिए भी टेंडर प्रक्रिया तेजी से हो रही है।