नई दिल्ली, 17अप्रैल। शराब घोटाले मामले पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से करीब 9 घंटे पूछताछ की और बयान रिकॉर्ड किया। लंबी पूछताछ के बाद अरविंद केजरीवाल रविवार रात 8:40 मिनट पर सीबीआई हेडक्वार्टर से बाहर निकले। वह सुबह करीब 11 बजे दफ्तर आए थे। केजरीवाल को लेने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और आम आदमी पार्टी के कई बड़े नेता सीबीआई हेडक्वार्टर पहुंचे हुए थे। इससे पहले आम आदमी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता आबकारी नीति मामले के संबंध में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पूछताछ के लिए बुलाए जाने पर सीबीआई के खिलाफ रविवार को शहर की सड़कों पर उतरे। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज, आतिशी और कैलाश गहलोत तथा राज्यसभा सदस्य संदीप पाठक, राघव चड्ढा तथा संजय सिंह समेत पार्टी के शीर्ष नेता संघीय एजेंसी के मुख्यालय के समीप एकत्रित हुए और केजरीवाल से पूछताछ चलने के बीच उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ नारेबाजी की।
सीबीआई ने एक वक्तव्य में कहा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री पूछताछ के लिए उपस्थित हुए और उनका बयान रिकॉर्ड कर लिया गया है। एजेंसी ने कहा है कि अब उनके बयान की जांच की जाएगी और उपलब्ध साक्ष्यों के साथ उसका मिलान किया जाएगा।
सीबीआई ने मुख्यमंत्री केजरीवाल से पूछताछ के बाद बताया कि एजेंसी ने नवम्बर में मुंबई की एक कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी तथा छह अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था और फिर मामले की जांच की गई। सीबीआई ने कहा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री को इस संबंध में पूछताछ के लिए नोटिस भेजा गया था और उन्होंने मामले से जुडे कई प्रश्नों के उत्तर दिए।
इससे पहले, जांच एजेंसी ने 2021-22 के लिए दिल्ली आबकारी नीति तैयार करने और उसके कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार के आरोप लगने पर पूछताछ के लिए मुख्यमंत्री केजरीवाल को सम्मन भेजा था।
सीबीआई ने दिल्ली के तत्कालीन उपमुख्यमंत्री और आबकारी मंत्री तथा 14 अन्य लोगों के खिलाफ आबकारी नीति तैयार करने और कार्यान्वयन में अनियमितताओं के आरोपों की जांच के लिए मामला दर्ज किया था। यह भी आरोप था कि कुछ व्यक्तियों के लाभ के लिए निविदा के बाद के लाभों का विस्तार किया था। सीबीआई ने नियमों के उल्लंघन और प्रक्रियागत खामियों के आरोप में इस मामले में 15 आरोपियों के नाम प्राथमिकी दर्ज की।
दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने इस नीति में अनियमितता की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की थी। इसके बाद पिछले वर्ष इसकी जांच शुरू हुई। पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का नाम भी प्राथमिकी में शामिल है और उन्हें इस वर्ष फरवरी में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था।
आबकारी नीति तैयार करने और कार्यान्वयन में भ्रष्टाचार तथा अनियमितताओं के आरोपों के बीच बाद में यह नीति रद्द कर दी गई।