“यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि देश के नियामक तंत्र त्रुटिहीन मानकों वाले और टिकाऊ हों”:डॉ. मनसुख मांडविया

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री, डॉ. भारती प्रवीण पवार, केंद्रीय रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री श्री भगवंत खुबा के साथ 'दवा: गुणवत्ता विनियम और प्रवर्तन' विषय पर दो दिवसीय चिंतन शिविर का उद्घाटन किया

0 72

नई दिल्ली,27 फरवरी। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण तथा रसायन और उर्वरक मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने “दवा गुणवत्ता विनियम और प्रवर्तन” विषय पर दो दिवसीय चिंतन शिविर का उद्घाटन किया। उनके साथ स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीन पवार, रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री भगवंत खुबा और नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी.के. पॉल तथा लोकायुक्त संजय भाटिया और उप-लोकायुक्‍त महाराष्‍ट्र, विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य सचिव और औषधि नियामक इस विचार मंथन सम्मेलन में भाग ले रहे हैं।

अपने उद्घाटन भाषण में, डॉ. मनसुख मांडविया ने विचार-विमर्श मंच के फोकस पर ध्‍यान केंद्रित करते हुए कहा कि यह चिंतन शिविर फार्मा और स्वास्थ्य क्षेत्रों में सभी हितधारकों के लिए एक मजबूत और लचीली नियामक प्रणाली के निर्माण के लिए एकजुट और समावेशी दृष्टिकोण के रास्ते के बारे में विचार-विमर्श करने का एक मंच है। केंद्र और राज्यों में विभिन्न एजेंसियां, सार्वजनिक-निजी विभाजन यह सुनिश्चित करने के महत्वपूर्ण घटक हैं कि देश में निर्मित और घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उपभोक्ताओं द्वारा उपभोग की जाने वाली दवाएं उत्‍तम गुणवत्ता वाली हों और मानक वैश्विक विनिर्माण प्रोटोकॉल का अनुपालन करती हों। इससे यह सुनिश्चित होगा कि “विश्व की फार्मेसी” के रूप में भारत की प्रसिद्धि सुनिश्चित हो और हम उपभोक्ताओं को उच्च गुणवत्ता वाले दवाई उत्पाद प्रदान करें।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि देश के नियामक तंत्र त्रुटिहीन मानकों वाले हों जो समय और स्थान के अनुसार स्‍थापित हों। यह तभी संभव है जब केंद्रीय मंत्रालय और राज्य निकाय सहकारी संघवाद की भावना से काम करें और एक-दूसरे की ताकत का निर्माण करके नियामक प्रणालियों की त्रुटियों को दूर करने के लिए मिलकर काम करें। उन्होंने प्रतिभागियों को दो दिनों के इस सहयोगी विचार-मंथन में अपनी चर्चाओं को समृद्ध बनाने के लिए अपने स्तर के अनुभव और ज्ञान के दृष्टिकोण को परस्‍पर साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्‍होंने कहा कि हम जिन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, उनका हम सामूहिक अनुभव के संग्रह द्वारा सहयोगी रूप से समाधान कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इन दो दिनों के अंत में मंथन मजबूत, लचीला और लोगों के अनुकूल तंत्र बनाने के लिए समृद्ध जानकारी उपलब्‍ध कराएगा।

उन्होंने प्रतिभागियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि हम यह कैसे सुनिश्चित कर सकते हैं कि भारत में निर्मित फार्मास्यूटिकल्स के उपभोक्ताओं का विश्वास कायम रहे? मैं सभी हितधारकों से भारतीय दवा नियामक प्रणाली को दुनिया में सर्वश्रेष्ठ बनाने की दिशा में मजबूती से काम करने का आग्रह करता हूं, ताकि अन्य देश भी इसका अनुकरण करें।

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा औषधि विभाग के सहयोग से चिंतन शिविर का आयोजन किया जाता है। यह आयोजन स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, औषधि विभाग, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य सचिवों, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के ड्रग कंट्रोलर्स, उद्योग संघों के सहयोग से सभी हितधारकों को एक मंच पर लाता है। इस कॉन्क्लेव में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागी एक मजबूत और लचीली नियामक प्रणाली के निर्माण के विभिन्न पहलुओं पर विचार-मंथन करेंगे। इनमें घरेलू और वैश्विक बाजार में दवाओं की गुणवत्ता पर विश्वास और भरोसे के निर्माण पर आयोजित सत्र शामिल हैं इसके साथ-साथ भविष्यवाणी की समीक्षा, दवाओं की गुणवत्ता के नियमन में पारदर्शिता और जवाबदेही, फील्ड स्तर पर गुणवत्ता, सुरक्षा और प्रभावकारिता का प्रभावी प्रवर्तन, भारतीय फार्माकोपिया और मानकों का अनुपालन सुनिश्चित करना, फार्माकोविजिलेंस और मैटेरियोविजिलेंस कार्यक्रमों के लिए मजबूत नेटवर्क विकसित करना, सभी विनियामक गतिविधियों के लिए एक एकीकृत आईटी मंच का निर्माण करना, ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ को बढ़ावा देने के साथ-साथ राज्यों और केंद्र में नियामक क्षमता का आकलन करना, और फार्मास्यूटिकल्स और चिकित्सा उपकरणों के नियमन के लिए राज्यों और राष्ट्रीय नियामकों के स्तर पर क्षमता निर्माण के बारे में सत्र आयोजित किए जा रहे हैं।

प्रतिभागियों ने इस विचार-मंथन सत्र में उन्हें आमंत्रित करने और राष्ट्रीय फार्मा नियामक ढांचे के निर्माण के बारे में अपने विचारों, सुझावों और ज्ञान को साझा करने का विशेष अवसर प्रदान करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का आभार व्यक्त किया।

राजेश भूषण केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव, एस. अपर्णा केंद्रीय फार्मा सचिव, डॉ. राजीव बहल सचिव स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग, एस. गोपालकृष्णन विशेष सचिव केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, जी. कमला वर्धन राव सीईओ एफएसएसएआई, डॉ. अतुल गोयल स्वास्थ्य विज्ञान महानिदेशक और डॉ. राजीव रघुवंशी ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया भी इस अवसर पर उपस्थित थे। इसके अलावा, जीव वधावन, संयुक्त सचिव स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, डॉ. एन युवराज संयुक्त सचिव रसायन और उर्वरक मंत्रालय और अन्य वरिष्ठ अधिकारी तथा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, नीति आयोग, एनपीपीए, डीजीएचएस, आईसीएमआर, एनआईपीईआर, केंद्रीय औषधि प्रयोगशालाओं के प्रतिनिधियों ने भी इस दो दिवसीय सम्मेलन में भाग लिया।

Leave A Reply

Your email address will not be published.