मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने किया गिरफ्तार, केजरीवाल ने कहा- मनीष बेकसूर हैं

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नई दिल्ली, 27फरवरी। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने शराब घोटाले से 8 घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया है. बताया गया कि सिसोदिया सीबीआई की जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया. मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी पर आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का बयान आया है. केजरीवाल ने कहा कि मनीष बेकसूर हैं और जनता इसका जवाब जरूर देगी. उन्होंने कहा कि इससे हमारा संघर्ष और मजबूत होगा.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, ‘मनीष बेकसूर हैं. उनकी गिरफ्तारी गंदी राजनीति है. मनीष की गिरफ्तारी से लोगों में बहुत रोष है. लोग सब देख रहे हैं. लोगों को सब समझ आ रहा है. लोग इसका जवाब देंगे. इस से हमारे हौसले और बढ़ेंगे. हमारा संघर्ष और मज़बूत होगा.

वहीं, ‘आप’ के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी तानाशाही की इंतेहा है. संजय सिंह ने ट्वीट किया, ‘मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी तानाशाही की इंतेहा है. आपने एक नेक इंसान और सर्वश्रेष्ठ शिक्षा मंत्री को गिरफ्तार कर अच्छा नही किया मोदी जी, भगवान भी आपको माफ नहीं करेगा. एक दिन आपकी तानाशाही का अंत जरूर होगा मोदी जी.

वहीं, आम आदमी पार्टी (AAP) की प्रवक्ता और विधायक अतिशी ने कहा कि सिसोदिया को पार्टी और उसके नेता अरविंद केजरीवाल की बढ़ती लोकप्रियता के कारण गिरफ्तार किया गया.

मालूम हो कि सीबीआई की प्राथमिकी में आरोपी नंबर एक मनीष सिसोदिया से इससे पहले बीते साल 17 अक्टूबर को पूछताछ की गई थी. एक महीने बाद 25 नवंबर को CBI ने मामले में चार्जशीट दाखिल किया था. सीबीआई के आरोप पत्र में सिसोदिया का नाम नहीं था, क्योंकि उस समय उनके और अन्य संदिग्धों व आरोपियों के खिलाफ जांच जारी थी.

ये है आरोप
– आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया ने एक्साइज पॉलिसी में बड़े बदलाव के लिए फैसले लिए और लागू करवाए. सिसोदिया ने एक्साइज पॉलिसी के तय प्रावधानों के खिलाफ जाकर नीति के नियमों में बदलाव किए ताकि ठेकेदार फार्म को ज्यादा फायदा हो.
– शराब व्यापारियों को लाइसेंस देने के लिए 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की आबकारी नीति ने कुछ डीलरों का पक्ष लिया, जिन्होंने इसके लिए कथित तौर पर रिश्वत दी थी.
– मनीष सिसोदिया ने शराब ने सरकारी खजाने को चपत लगते हुए शराब नीति ने कुछ डीलरों का पक्ष लिया और बाद में नीति को रद्द कर दिया गया.
– यह भी आरोप कि आबकारी नीति में संशोधन, लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ देना, लाइसेंस शुल्क में छूट/कमी, अनुमोदन के बिना एल-1 लाइसेंस का विस्तार आदि सहित कई अनियमितताएं की गईं.

-सीबीआई ने यह भी आरोप लगायाकि इन कृत्यों की गिनती पर अवैध लाभ निजी पार्टियों द्वारा अपने खातों की पुस्तकों में गलत प्रविष्टियां करके संबंधित लोक सेवकों को दिया गया था.”

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