28 अक्टूबर को ऋषि सुनक की होगी ताजपोशी, भारत में चढ़ा सियासी तापमान

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नई दिल्ली, 26 अक्टूबर। भारतीय मूल के ऋषि सुनक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री चुने गए हैं. सोमवार को कंजरवेटिव पार्टी के ऋषि सुनक को अपना नेता चुनने के बाद मंगलवार को किंग चार्ल्स उन्हें औपचारिक रूप से देश का प्रधानमंत्री नियुक्त कर देंगे. ब्रिटेन में ऋषि सुनक के प्रधानमंत्री बनने की खबर से एक तरफ जहां खुशी की लहर है वहीं इस बीच सियासत गर्माती जा रही है. भाजपा-कांग्रेस और पीडीपी नेताओं के बीच सियासी घमासान छिड़ गया है. इस बीच बिग बी अमिताभ बच्चन ने भी अपने अंदाज में सुन को बधाई दी है.

भारत की राजनीति में अब इस बात पर बहस शुरू हो गई है कि क्या भारत में भी ऐसा संभव है कि ‘कोई अल्पसंख्यक प्रधानमंत्री बन सकता है.’ इस मुद्दे को लेकर पीडीपी की महबूबा मुफ्ती, कांग्रेस के शशि थरूर और पी चिदंबरम जैसे नेताओं ने ट्वीट कर सवाल उठाया तो बीजेपी की तरफ से रविशंकर प्रसाद ने इसका जवाब दिया है. छिड़ी बहस के बीच भाजपा नेता रविशंकर ने यह सवाल किया है कि क्या जम्मू कश्मीर में माइनॉरिटी सीएम को स्वीकार किया जाएगा.

ये सियासी बहस तब शुरू हुई जब कांग्रेस नेता शशि थरूर ने ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने लिखा, “सुनक पीएम बनते हैं ‘तो मुझे लगता है कि हम सभी को यह स्वीकार करना होगा कि ब्रितानियों ने दुनिया में कुछ बहुत ही दुर्लभ काम किया है, ये काम है अल्पसंख्यक समुदाय के एक सदस्य को सबसे शक्तिशाली ऑफिस की जिम्मेदारी सौंपना. अब जबकि हम भारतीय ऋषि सुनक की कामयाबी की खुशी मना रहे हैं, आइए इमानदारी से पूछते हैं-क्या हमारे यहां ऐसा हो सकता है. .”

महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर बीजेपी पर बोला हमला

इसपर जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर कहा है कि यह गर्व का क्षण है कि यूके को भारतीय मूल का पहला पीएम मिलने वाला है. अब जबकि पूरा भारत इसकी खुशी मना रहा है. यह याद रखना हमारे लिए अच्छा होगा कि यूके ने एक जातीय अल्पसंख्यक सदस्य को अपने प्रधानमंत्री के रूप में स्वीकार कर लिया है, फिर भी हम NRC और CAA जैसे विभाजनकारी और भेदभावपूर्ण कानूनों से बंधे हैं.

बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने पूछा सवाल

पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि ऋषि सुनक के पीएम चुने जाने के बाद कुछ नेता बहुसंख्यकवाद को लेकर हाइपर एक्टिव हो गए हैं. मैं उन्हें भारत में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के 10 साल, पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम के 5 साल और विशिष्ट आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू हमारी वर्तमान राष्ट्रपति हैं. रविशंकर ने कहा कि क्या महबूबा ये बताएंगी कि वे किसी अल्पसंख्यक को जम्मू कश्मीर का सीएम स्वीकार करेंगी.

पी चिदंबरम ने भी रखी राय

पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने भी इस मामले में अपनी राय दी है. उन्होंने ट्वीट कर कहा पहले कमला हैरिस, अब ऋषि सुनक, यू.एस. और यू.के. के लोगों ने अपने देशों के गैर-बहुसंख्यक नागरिकों को गले लगा लिया है और उन्हें सरकार में उच्च पद के लिए चुना है. मुझे लगता है कि भारत और बहुसंख्यकवाद का पालन करने वाली पार्टियों द्वारा सीखने के लिए एक सबक है.

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