नई दिल्ली, 19जनवरी। दिल्ली और केंद्र सरकार के बीच तनातनी जारी है. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. वहीं इस बीच राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना को 2 नई शक्तियां दी हैं. इससे उपराज्यपाल की पावर और ज्यादा बढ़ जाएगी.
इन शक्तियों के मिलने से एलजी के पास कानूनों के तहत नियम बनाने की जिम्मेदारी भी आ जाएगी. बता दें कि एलजी के ये नियम केंद्र शासित प्रदेशों में, जहां इनकी जरूरत होगी वहां लागू किए जाएंगे. आधिकारिक बयान में कहा गया है कि 16 जनवरी को गृह मंत्रालय की तरफ से जारी दो अलग-अलग अधिसूचनाओं का उल्लेख करते हुए निर्देशित किया जाता है कि दिल्ली के उपराज्यपाल अगले आदेश तक इन नियमों के तहत शक्तियों का प्रयोग करेंगे और उपयुक्त सरकार या राज्य सरकार के कार्यों का निर्वहन करेंगे. वहीं कयास लगाए जा रहे हैं कि इससे दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच टकराव और बढ़ेगा.
यह अधिसूचना जारी होने के बाद अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, दादरा और नागर हवेली, दमन और दीव, चंडीगढ़, पुडुचेरी और लक्षद्वीप समेत 5 अन्य केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों और उपराज्यपालों को भी राष्ट्रपति की ओर से ऐसी ही समान शक्तियां दी की गई थीं. अधिसूचना में इन 6 केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासक और उपराज्यपालों को व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्यस्थिति संहिता, 2020 के तहत उपयुक्त सरकार की शक्तियों के प्रतिनिधिमंडल के संबंध में उल्लेख किया गया है. संविधान के अनुच्छेद 239 के खंड (1) के अनुसार, राष्ट्रपति के निर्देशानुसार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली समेत अन्य 6 केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासक या उपराज्यपाल उक्त संहिता के तहत शक्तियों का प्रयोग और उपयुक्त सरकार के कार्यों का निर्वहन करेंगे.
राष्ट्रपति की ओर से एलजी को उक्त शक्तियां ऐसे वक्त में दी की गई हैं, जब सुप्रीम कोर्ट नेकेंद्र बनाम दिल्ली के अधिकारों की लड़ाई के मसलेपर अपना फैसला सुरक्षित रखा है