प्रधानमंत्री छह और सात जनवरी, 2023 को दिल्ली में मुख्य सचिवों के दूसरे राष्ट्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे

एमएसएमई, अवसंरचना व निवेश, अनुपालन को न्यूनतम करने, महिलाओं के सशक्तिकरण, स्वास्थ्य व पोषण, कौशल विकास सम्बंधी छह विषयों पर चर्चा होगी

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विकसित भारतः अंतिम पड़ाव तक पहुंचना, जीएसटी व वैश्विक भू-राजनीतिक चुनौतियां और भारत की प्रतिक्रिया पर तीन विशेष सत्रों का आयोजन

सम्मेलन में चार विषयों, जैसे वोकल फॉर लोकल, अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष, जी-20: राज्यों की भूमिका और उदीयमान प्रौद्योगिकियों पर विशेष चर्चा

हर विषय पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के उत्कृष्ट व्यवहारों का प्रस्तुतिकरण, ताकि वे एक-दूसरे से सीख सकें

राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ पहले आयोजित होने वाले वर्चुअल सम्मेलनों के नतीजों को भी इस सम्मेलन में प्रस्तुत किया जायेगा

सम्मेलन का एजेंडा पिछले तीन महीनों के दौरान केंद्र तथा राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के बीच गहन विचार-विमर्श के बाद निर्धारित किया गया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी छह और सात जनवरी, 2023 को दिल्ली में मुख्य सचिवों के दूसरे राष्ट्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे। केंद्र और राज्य सरकारों के बीच साझेदारी में गति लाने के लिये यह एक और पहल की जा रही है। मुख्य सचिवों का इस तरह का पहला सम्मेलन जून 2022 को धर्मशाला में आयोजित किया गया था।

इस वर्ष मुख्य सचिवों के राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन पांच से सात जनवरी, 2023 को नई दिल्ली में किया जा रहा है। इस तीन दिवसीय सम्मेलन का केंद्रीय विषय राज्यों की साझेदारी के साथ तेज और सतत आर्थिक विकास हासिल करना है। सम्मेलन में केंद्र सरकार, मुख्य सचिव और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी और विषयगत विशेषज्ञों को मिलाकर 200 से अधिक लोग हिस्सा लेंगे। सम्मेलन विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये सहयोगात्मक कार्यवाही की भूमिका तैयार करेगा, जिसमें रोजगार सृजन तथा समावेशी मानव विकास की वृद्धि पर जोर दिया जायेगा।

सम्मेलन का एजेंडा पिछले तीन महीनों में मुख्य मंत्रालयों, नीति आयोग, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और विषयगत विशेषज्ञों के साथ 150 से अधिक प्रत्यक्ष व वर्चुअल बैठकों में गहन चर्चा के बाद निर्धारित किया गया है। सम्मेलन के दौरान चर्चा के लिये छह विषयों को चिह्नित किया गया है, जैसे 1) एमएसएमई को गति देना, 2) अवसंचरना और निवेश, 3) अनुपालन को न्यूनतम करना, 4) महिलाओं का सशक्तिकरण, 5) स्वास्थ्य व पोषण, 6) कौशल विकास।

तीन विशेष सत्रों का भी आयोजन किया जायेगा, जैसे 1) विकसित भारतः अंतिम पड़ाव तक पहुंचना, 2) वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) के पांच वर्ष – सीख और अनुभव, और 3) वैश्विक भू-राजनीतिक चुनौतियां और भारत की प्रतिक्रिया।

इनके अलावा चार विषयों पर भी चर्चा की जायेगी, जैसे 1) वोकल फॉर लोकल, 2) अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष, 3) जी-20: राज्यों की भूमिका, और 4) उदीयमान प्रौद्योगिकियां।

हर विषय पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के उत्कृष्ट व्यवहारों को भी प्रस्तुत किया जायेगा, ताकि वे एक-दूसरे से सीख सकें।

प्रधानमंत्री के निर्देशों के अनुपालन में मुख्य सम्मेलन के पहले राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ तीन वर्चुअल सम्मेलन भी किये गये थे, जिनके विषय थे, 1) विकास का आधार जिले, 2) चक्रिय अर्थव्यवस्था, 3) आदर्श केंद्र शासित प्रदेश। इन वर्चुअल सम्मेलनों के नतीजों को मुख्य सचिवों के राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रस्तुत किया जायेगा।

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