नई दिल्ली, 14दिसंबर। भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के 1,472, भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के 864 और भारतीय वन सेवा (IFS) के 1,057 अधिकारियों के पद खाली हैं. लोकसभा में बुधवार को यह जानकारी दी गई. केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने एक लिखित उत्तर में कहा कि 1 जनवरी, 2022 तक आईएएस अधिकारियों के 6,789, आईपीएस अधिकारियों की 4,984 और आईएफएस अधिकारियों के लिए 3,191 पद स्वीकृत थे. इनमें से 5,317 IAS अधिकारी, 4,120 IPS अधिकारी और 2,134 IFS अधिकारी क्रमशः पद पर थे.
मंत्री ने कहा, रिक्तियों का होना और भरना एक सतत प्रक्रिया है. केंद्र सरकार का प्रयास है कि रिक्त पदों को शीघ्रता से भरा जाए. संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) और हर साल आईएएस, आईपीएस और IFS में सीधी भर्ती के आधार पर रिक्तियों को भरने के लिए परीक्षा आयोजित करता है.
सिविल सेवा परीक्षा चयनित 91 अभ्यर्थियों को कोई सेवा आवंटित नहीं की जा सकी
लोकसभा में बुधवार को बताया गया कि 2021 में सिविल सेवा परीक्षा के जरिए चुने गए 91 उम्मीदवारों को कोई सरकारी सेवा आवंटित नहीं की जा सकी. बुधवार को लोकसभा को सूचित किया गया. 2021 में सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से चुने गए 91 उम्मीदवारों को कोई सरकारी सेवा आवंटित नहीं की जा सकी.
यूपीएससी द्वारा सिविल सेवा परीक्षा-2021 (सीएसई) के आधार पर अनुशंसित 748 उम्मीदवारों में से 91 उम्मीदवारों को 7 दिसंबर, 2022 तक किसी भी सेवाएं आवंटित नहीं की जा सकी. यह सीमित वरीयता, चिकित्सा के निष्कर्षों जैसे कारणों से था.
सीएसई-2021 के छह अनुशंसित उम्मीदवार को क्रीमी-लेयर के तहत माना गया
केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने एक लिखित जवाब में कहा कि परीक्षा, आरक्षित वर्ग का असफल दावा, उम्मीदवारों द्वारा सीएसई नियम-2021 के प्रावधानों के तहत उम्मीदवारी वापस लेना था. उन्होंने कहा कि सीएसई-2021 के छह अनुशंसित उम्मीदवार, जिनके माता-पिता राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में काम कर रहे थे, उनको को अन्य पिछड़ा वर्ग (क्रीमी-लेयर) के तहत माना गया है. केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री यह जानकारी एक सवाल “क्या कुछ ओबीसी उम्मीदवारों को राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में उनके माता-पिता द्वारा धारित पदों के लिए उनकी गैर-क्रीमी लेयर स्थिति का निर्धारण करने के लिए समकक्षता की कमी बताते हुए सेवा आवंटित नहीं की गई है”के जवाब में यह उत्तर दिया.