बिहार अपडेट: विधानसभा के बाद लोकसभा में अपनी आवाज को बुलंद करने के लिये बेताब हैं 14 राजनेता

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पटना,30अप्रैल। बिहार विधानमंडल के निचले सदन विधानसभा में अपनी आवाज को बुंलद कर चुके 14 राजनेता इस बार संसद के निचले सदन लोकसभा में अपनी आवाज को बुलंद करने के लिये बेताब हैं।

लोकसभा चुनाव रण 2024 में अलग-अलग राजनीतिक पार्टी के विधायक, सांसद बनने के लिये बेताब हैं। इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया गठबंधन) के घटक राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नौ विधायक सांसद बनने के लिये चुनावी रण में उतरे हैं। गया सीट पर बोधगया (सु) के विधायक कुमार सर्वजीत पासवान, पूर्णिया से रूपौली की विधायक बीमा भारती, दरभंगा सीट से दरभंगा ग्रामीण के विधायक ललित यादव, उजियारपुर से उजियारपुर के विधायक आलोक कुमार मेहता सांसद बनने के लिये चुनावी मैदान में उतरे हैं।

इसी तरह बक्सर सीट से राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के पुत्र और रामगढ़ के विधायक सुधाकर सिंह, जहानाबाद से बेलागंज के विधायक और पूर्व सांसद सुरेंद्र प्रसाद यादव, सुपौल सीट से सिंहेश्वर विधानसभा के विधायक चंद्रहास चौपाल, सीवान से सीवान के विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी और अररिया से पूर्व केंद्रीय गृहराज्य मंत्री तस्लीमुद्दीन के पुत्र और जोकीहाट के विधायक शाहनवाज आलम सांसद बनने के लिये डटे हैं।

इंडिया गठबंधन में शामिल कांग्रेस के टिकट पर भागलपुर के विधायक भागलपुर संसदीय सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, इंडिया गठबंधन में शामिल वामदल के दो विधायक भी सांसद बनने के लिये बेताब हैं। तरारी विधानसभा से भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा-माले) के विधायक सुदामा प्रसाद आरा संसदीय सीट जबकि पालीगंज के भाकपा माले के विधायक नालंदा संसदीय सीट से चुनावी मैदान में उतरे हैं।

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख और इमामगंज (सु) के विधायक जीतनराम मांझी ने भी गया संसदीय सीट से अपनी किस्मत आजमायी है। किशनगंज सीट से ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रदेश अध्यक्ष और अमौर के विधायक अख्तरुल ईमान ने किशनगंज संसदीय सीट से अपनी तकदीर आजमायी है।

इन सबके साथ विधान पार्षद और विधान परिषद के सभापति देवेशचंद्र ठाकुर जनता दल यूनाईटेड के टिकट पर सीतामढ़ी संसदीय सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। देखना दिलचस्प होगा कि इनमें से कितने राजनेता राज्य विधानमंडल के निचले सदन विधानसभा से संसद के निचले सदन लोकसभा में पहुंचने में कामयाब हो पाते हैं।

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