नई दिल्ली,03अप्रैल। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आम अदमी पार्टी नेता और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने मंगलवार को जमानत दी थी। आज कोर्ट ने उनकी जमानत की शर्तें तय कर दी हैं। इसके बाद संजय सिंह को सशर्त जमानत दी गई है। कोर्ट ने जमानत की पांच शर्तें तय की हैं।
संजय सिंह के वकीलों ने उनकी जमानत को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बारे में राउज एवेन्यू कोर्ट को बताया। वकील ने बताया कि संजय सिंह का जमानत बॉन्ड भरने के लिए जमानतदार उनकी पत्नी हैं। वकील ने कहा कि मेरे मुवक्किल सांसद हैं। उनके भागने का खतरा नहीं है। मामले पर ईडी ने कहा कि हम केवल इतना बताना चाहते हैं कि शर्त ये है कि वह (संजय सिंह) दिल्ली शराब घोटाले मामले में अपनी भूमिका के बारे में प्रेस में चर्चा नहीं कर सकते। कुछ शर्तों के आधार पर संजय सिंह को जमानत दी गई है।
संजय सिंह की जमानत की शर्तें तय करते हुए अदालत ने कहा है कि वह दिल्ली-एनसीआर छोड़कर नहीं जाएंगे। अगर किसी स्थिति में दिल्ली-एनसीआर छोड़कर जाना पड़े तो इसकी अग्रिम सूचना प्रशासन को देनी होगी। अगर वह एनसीआर छोड़ते हैं तो वह अपनी यात्रा के कार्यक्रम को आईओ के साथ साझा करेंगे। इसके साथ ही वह अपनी लोकेशन शेयरिंग भी ऑन रखेगें और उसे आईओ के साथ साझा करेंगे। एक शर्त ये भी है कि वह दिल्ली शराब घोटाले मामले और इसमें अपनी भूमिका को लेकर मीडिया में या फिर सार्वजनिक तौर पर किसी तरह की टिप्पणी या चर्चा नहीं करेंगे।
कोर्ट ने संजय सिंह को अपना पासपोर्ट भी जमा करने को कहा है। पासपोर्ट को कोर्ट के समक्ष जमा करना भी एक जरूरी शर्त रखी गई है। संजय सिंह को जांच में सहयोग करने को कहा है। इसके लिए कोर्ट ने कहा है कि वह जांच अधिकारी को अपना मोबाइल नंबर उपलब्ध कराएंगे। कोर्ट ने कहा कि संजय सिंह सबूतों के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं करेंगे।
राउज एवेन्यू कोर्ट में संजय सिंह के वकील ने कहा कि हमें संजय के लिए जमानत पत्र भरना होगा। इस पर कोर्ट ने पूछा- आपके पास जमानत का आदेश है? वकील ने हामी भरी। संजय सिंह की टीम ने ट्रायल कोर्ट को उनका जमानत आदेश दिया। संजय के वकील का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ एक ही शर्त लगाई है।
वकील का कहना था कि बाकी इस अदालत को तय करना है। वो संसद सदस्य हैं। संजय सिंह पत्नी जमानतदार के तौर पर खड़ी हैं। इस पर कोर्ट ने कहा था कि मुझे सुनने दीजिए कि ईडी को क्या कहना है। संजय सिंह के वकील ने कहा था कि मैंने खुद कहा कि मैं संसद सदस्य हूं। कोई जोखिम नहीं है। हिरासत के दौरान उन्हें संसद सदस्य के रूप में फिर से नियुक्त किया गया है और इस अदालत ने इसकी अनुमति दी थी।