कठघरे में ममता, बंगाल में ईडी टीम पर हमले के बाद एक साथ आई कांग्रेस-भाजपा, एनआईए जांच की मांग

0 26

नई दिल्ली, 8जनवरी। भारत के प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ ने शनिवार को कहा कि न्यायपालिका में तकनीक का अनुकूलन न केवल आधुनिकीकरण से संबंधित है, बल्कि न्याय तक पहुंच को लोकतांत्रिक बनाने की दिशा में एक रणनीतिक कदम भी है. उन्होंने प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए वकीलों को प्रशिक्षित करने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया.

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने यहां एक नए जिला न्यायालय भवन के उद्घाटन के अवसर पर एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि इन प्रगतियों का लाभ उठाने से अंतर पाटने एवं दक्षता बढ़ाने में मदद मिलेगी तथा यह सुनिश्चित होगा कि न्याय प्रदान करना भौगोलिक और तकनीकी बाधाओं के कारण बाधित न हो.

उन्होंने कार्यक्रम स्थल से एआई-आधारित ‘टेक्स्ट-टू-स्पीच कॉल-आउट सिस्टम’ का भी उद्घाटन किया. जिला अदालतों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, “ये अदालतें न्याय का अधिकार सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं और एक ऐसे समाज की कल्पना करने में हमारे संविधान के आदर्शों की आधारशिला हैं जहां प्रत्येक नागरिक को न्याय का अधिकार सुनिश्चित है.”

सीजेआई ने सोमनाथ और द्वारका के मंदिरों की अपनी यात्रा का भी उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि द्वारकाधीश मंदिर का ‘ध्वज’ (ध्वज), जो ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ के मंदिर के समान है, न्यायिक समुदाय के लोगों के लिए एक विशेष अर्थ रखता है. उन्होंने कहा, “हमारे राष्ट्र में परिवर्तन की इस सार्वभौमिकता को देखें जो हम सभी को एक साथ बांधती है. इस ‘ध्वज’ का हमारे लिए एक विशेष अर्थ है, और ‘ध्वज’ हमें जो अर्थ देता है वह यह है कि वकीलों, न्यायाधीशों और नागरिकों के रूप में हम सभी के ऊपर एक एकीकृत शक्ति है – और वह एकीकृत शक्ति हमारी मानवता है, जो कानून के शासन और भारत के संविधान द्वारा शासित है.”

उन्होंने आगे कहा, “केवल भौतिक संरचना से परे, हमारी इमारत एक प्रतिबद्धता और एक वादे का प्रतिनिधित्व करती है – एक वादा कि इसकी दीवार के भीतर न्याय की खोज में तेजी, पहुंच और निष्पक्षता होगी.” सोमनाथ मंदिर में ‘शून्य अपशिष्ट सुविधा’ के बारे में बात करते हुए, न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि इसे राज्य की प्रत्येक अदालत प्रणाली को “शून्य अपशिष्ट” सुविधा में बदलने के लिए प्रेरणा बनना चाहिए. उन्होंने कहा, “तब हम वास्तव में इस महान मंदिर के आदर्शों से प्रेरित होंगे जो गुजरात राज्य के परिदृश्य को दर्शाता है.”

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने अदालत परिसर में नवीनतम ऑडियो-वीडियो उपकरणों और प्रणालियों से सुसज्जित एक सम्मेलन कक्ष तथा एक प्रशिक्षण कक्ष के बारे में कहा, “यह उच्चतम न्यायालय के कक्षों में लागू हाइब्रिड और ऑनलाइन कॉन्फ्रेंस सिस्टम और बदलते समय के अनुरूप है तथा त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रौद्योगिकियों का लाभ उठा रहा है.” उन्होंने प्रधान जिला न्यायाधीश से यह सुनिश्चित करने की भी अपील की कि वकीलों को प्रौद्योगिकी के उपयोग में प्रशिक्षित किया जाए और उन्हें उस पहलू में न्यायाधीशों से अलग नहीं किया जाना चाहिए.

Leave A Reply

Your email address will not be published.