गोंडा में लगे ‘दबदबा’ वाले पोस्टर और होर्डिंग हटाए गए, समर्थकों में निराशा

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नई दिल्ली, 26 दिसंबर। भारतीय कुश्ती महासंघ  की नवनिर्वाचित संस्था को निलंबित किये जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी के सांसद बृजभूषण शरण सिंह के समर्थकों में निराशा छा गयी है और उनके समर्थन में लगाये गये ‘दबदबा’ वाले पोस्टर व होर्डिंग हटा दिये गये हैं. ‘दबदबा’ का दावा कर खुशियां मनाने वाले बृजभूषण के समर्थकों की आवाज उस समय कमजोर पड़ गई, जब खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ की नवनिर्वाचित संस्था को निलंबित कर दिया और व्यवस्था संचालन के लिए इंडियन ओलम्पिक एसोसिएशन को नयी संस्था गठित करने का निर्देश दिया. सरकार के इस फैसले के बाद जगह-जगह लगाए गए ‘दबदबा’ वाले पोस्टर और होर्डिंग उतारे जाने लगे. चार पहिया वाहनों से भी ’दबदबा’ वाले स्टीकर हटा दिए गए हैं. भारतीय कुश्ती महासंघके पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने रविवार को दिल्‍ली में कहा था कि उन्होंने इस खेल से संन्यास ले लिया है क्योंकि उनके पास कई अन्य जिम्मेदारियां हैं जिनमें अगले साल होने वाला लोकसभा चुनाव भी शामिल है.

बृजभूषण ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलने के बाद यह टिप्पणी की. इससे पहले खेल मंत्रालय ने डब्ल्यूएफआई की नवनिर्वाचित संस्था को अगले आदेश तक निलंबित कर दिया था. सिंह के करीबी लोगों द्वारा भारतीय कुश्ती महासंघ पर कब्ज़ा करने के बाद कुछ प्रमुख पहलवानों द्वारा अपना विरोध फिर से शुरू करने के बाद उत्पन्न हुए संकट को कम करने के लिए नड्डा ने सिंह को एक बैठक के लिए बुलाया था.

डब्ल्यूएफआई के चुनाव 21 दिसंबर को हुए थे जिसमें बृजभूषण के विश्वासपात्र संजय सिंह और उनके पैनल ने बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी. संजय सिंह ‘बबलू’ के निर्वाचन के बाद सांसद के खेमे में उल्लास का माहौल था. बृजभूषण शरण सिंह और उनके गोंडा सदर सीट से विधायक पुत्र प्रतीक भूषण शरण सिंह ने अपने समर्थकों के समक्ष स्वयं ‘दबदबा तो था, है और रहेगा’ का नारा बुलंद किया था. इतना ही नहीं, ‘दबदबा’ को लेकर बैनर और पोस्टर गाड़ियों समेत क्षेत्र में कई स्थान पर लगवाए गए थे.

अध्यक्ष बनने के बाद संजय सिंह, भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह के साथ दो दिन पूर्व अयोध्या पहुंचे थे और हनुमान गढ़ी में माथा टेककर आशीर्वाद लिया था. इस दौरान साधु-संतों व समर्थकों की उपस्थिति में बृजभूषण ने अपने सम्बोधन के दौरान जोश में आकर कहा था, ‘‘दबदबा तो है, दबदबा तो रहेगा, ये तो भगवान ने दे रखा है. बजरंग बली की जय.’’

ब्रजभूषण छह बार के सांसद हैं और उनके बेटे प्रतीक भूषण सिंह गोंडा सदर से लगातार दूसरी बार भाजपा विधायक हैं. स्थानीय लोग इस मुद्दे पर बोलने में संयम बरत रहे हैं, लेकिन सिंह के समर्थक निराश दिखे. सिंह के इस दावे के बाद कि वह कुश्ती को अलविदा कह रहे हैं, पहलवान गोंडा और पड़ोसी अयोध्या के अखाड़ों में दैनिक अभ्यास से दूर रहे. डब्ल्यूएफआई की नवनिर्वाचित संस्था के निलंबन का बचाव करते हुए उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने रविवार को बाराबंकी में कहा था कि केंद्रीय खेल मंत्रालय की कार्रवाई किसी के दबाव के कारण नहीं थी और उसने उचित प्रक्रिया का पालन किया.

गोंडा जिला भाजपा अध्यक्ष अमर किशोर कश्यप ने खेल मंत्रालय के फैसले को ‘अच्छी सोच वाला’ बताया, जिसका हर किसी को सम्मान करना चाहिए. गोंडा के जिला कांग्रेस अध्यक्ष प्रमोद मिश्रा ने भी खेल मंत्रालय के फैसले का स्वागत किया है. गोंडा के समाजवादी पार्टी के नेता सूरज सिंह ने कहा कि सरकार का फैसला ‘किसी व्यक्ति की हार नहीं बल्कि अहंकार’ की हार है.

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