नई दिल्ली, 19दिसंबर। काशी तमिल संगमम II प्रतिनिधिमंडल समूह, जिसमें तमिलनाडु के छात्र शामिल हैं, ने आज चार प्रमुख बौद्ध तीर्थ स्थलों में से एक, सारनाथ का भ्रमण किया और इसके सदियों पुराने इतिहास और विरासत के बारे में जानकारी प्राप्त की। वे 249 ईसा पूर्व में सम्राट अशोक द्वारा स्थापित धमेक स्तूप और 1931 में श्रीलंकाई महाबोधि सोसायटी द्वारा निर्मित मूलगंध कुटी विहार मंदिर देखने गए। छात्र भारत के राष्ट्रीय प्रतीक, अशोक स्तंभ को देखकर मंत्रमुग्ध हो गए।
बाद में शाम को, समूह वाराणसी में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम और गंगा तट पर क्रूज यात्रा के लिए इकट्ठा होगा। क्रूज यात्रा के दौरान उन्हें घाटों की विशेषताएं बताई जाएंगी।
काशी तमिल संगमम का दूसरा चरण 30 दिसंबर 2023 तक जारी रहेगा। पिछले साल, काशी तमिल संगमम का पहला चरण 16 नवंबर से 16 दिसंबर 2022 तक आयोजित किया गया था। तमिलनाडु के विभिन्न हिस्सों से यात्रा करते हुए व जीवन के विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हुए लगभग 1400 (प्रत्येक समूह में 200 व्यक्ति, कुल 7 समूह) लोगों की इस समारोह में शामिल होने की उम्मीद है। काशी प्रवास के दौरान वे अपने यात्रा कार्यक्रम के अनुसार प्रयागराज और अयोध्या भी जायेंगे।