भारत, सामाजिक और समावेशी विकास के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का संपूर्ण लाभ उठाएगा: प्रधानमंत्री मोदी

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नई दिल्ली, 13दिसंबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उत्तरदायी और नैतिक उपयोग के लिए प्रतिबद्ध है। नई दिल्ली में भारत मण्डपम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वैश्विक भागीदारी शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह प्रौद्योगिकी सामाजिक विकास और समावेशी आर्थिक वृद्धि के लिए है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सबके लिए की भावना के अनुरूप अपनी नीतियाँ और कार्यक्रम तैयार किये हैं। सरकार इस प्रौद्योगिकी की क्षमताओं का अधिकतम लाभ सामाजिक और समावेशी विकास के लिए लेना चाहती है।

प्रधानमंत्री ने कहा सरकार ने एआई पर राष्ट्रीय कार्यक्रम शुरू किया है और जल्दी ही एआई मिशन का शुभारंभ किया जाएगा। इस मिशन से देश में स्टार्टअप उद्यमों और नवाचारियों को बेहतर सेवाएं मिल सकेंगी। साथ ही कृषि स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा क्षेत्र में भी एआई के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी कृत्रिम बुद्धिमत्ता के नकारात्मक पहलू का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी में विकास का सबसे सशक्त माध्यम बनने के बावजूद यह विनाश में भी बड़ी भूमिका अदा कर सकता है।

इसकी चुनौतियों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने इनके समाधान के उपाय तलाशे जाने पर बल दिया और साथ मिलकर इसके नैतिक उपयोग की रूपरेखा तैयार करने की अपील की। उन्होंने पूरे विश्व से एक क्षण भी बर्बाद किये बिना इस दिशा में संकल्प, प्रतिबद्धता, सहयोग और समन्वय से काम करने का आग्रह किया।

इस अवसर पर केंद्रीय इलैक्ट्रानिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि यह शिखर सम्मेलन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग-समन्वय तैयार करने का महत्वपूर्ण अवसर है। उन्होंने कहा कि भारत का विश्वास समावेशी विकास के लिए इसकी क्षमताओं का उपयोग करने में है। तीन दिन का यह शिखर सम्मेलन इस महीने की 14 तारीख तक चलेगा। 29 सदस्य देश इस बहुपक्षीय मंच में शामिल हैं।

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