राष्ट्रीय फिल्म विरासत मिशन के तहत विभिन्‍न भाषाओं की 5,000 से अधिक फिल्मों को 4के डिजिटल प्रारूप में संगृहीत किया जाएगा: केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री

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नई दिल्ली, 29 नवंबर। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण तथा खेल एवं युवा कार्यक्रम मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि भारत का 54वां अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई 54) विविधता में एकता का उत्सव था, जो ‘वसुधैव कुटुंबकम: एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्‍य’ की भावना का प्रतीक है। यह महोत्‍सव दुनिया भर से रचनात्मक व्‍यक्तित्‍वों, फिल्मकारों, सिने-प्रेमियों और सांस्कृतिक उत्साही लोगों को एक साथ ला रहा है। “हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा दिए गए ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के दर्शन को अपनाने के आह्वान का आईएफएफआई में भी पालन किया जा रहा है। उन्होंने आईएफएफआई के समापन समारोह में एक वीडियो संदेश देते हुए कहा, आईएफएफआई का यह संस्करण वास्तव में असाधारण था, जिसमें कई बातें पहली बार हुई हैं और यह महोत्‍सव अभूतपूर्व उपलब्धियों से भरा रहा है, जिसमें सर्वश्रेष्ठ फिल्म निर्माण का प्रदर्शन किया गया है।

अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि 54वें आईएफएफआई में 78 देशों की 68 अंतर्राष्ट्रीय और 17 भारतीय भाषाओं का प्रतिनिधित्व करने वाली लगभग 250 फिल्मों का प्रदर्शन किया गया, जिनकी कुल अवधि लगभग 30,000 मिनट थी। उन्होंने कहा, “महोत्सव में 23 मास्टरक्लास और इन-कन्वर्सेशन सत्र शामिल थे, जिनमें से कुछ भौतिक और वर्चुअल, दोनों रूप में सुलभ थे। महोत्सव के दौरान आयोजित लगभग 50 गाला रेड कार्पेट ने पूरे उत्सव को बढ़ावा दिया।” मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने सम्मानित जूरी सदस्यों के समर्थन को भी रेखांकित किया, जिनके बहुमूल्य समय और समर्पित प्रयासों ने महोत्सव के इस संस्करण को स्‍वरूप प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

समावेशिता और पहुंच कायम करने की दिशा में किए गए आईएफएफआई के प्रयासों को रेखांकित करते हुए अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि फिल्मों को विशेष रूप से दिव्‍यांग फिल्म-प्रेमियों के लिए प्रस्‍तुत किया गया, ताकि वे सांकेतिक भाषा और ऑडियो विवरण की मदद से बड़े पर्दे पर सिनेमा की सुंदरता का आनंद ले सकें। उन्होंने कहा, ” महिलाओं की प्रतिभा को स्‍वीकार करते हुए हमने उनके द्वारा निर्देशित 40 से अधिक फिल्में शामिल करना सुनिश्चित किया।”

राष्ट्रीय फिल्म विरासत मिशन को पुरानी क्लासिक फिल्मों को रिस्टोर करने के प्रयासों के लिए बधाई देते हुए अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि 4के डिजिटल प्रारूप में विविध भाषाओं की 5,000 से अधिक फिल्मों और वृत्तचित्रों को रिस्टोर किया जाएगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भारत की भावी पीढ़ियां इन महान फिल्मों की सराहना कर सकें, इनका आनंद ले सकें और इनसे प्रेरित हो सकें। अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा, ” फिल्म प्रेमियों की सराहना के लिए 54वें आईएफएफआई में राष्ट्रीय फिल्म विरासत मिशन के तहत रिस्टोर की गई सात फिल्मों को एक विशेष रूप से क्यूरेटेड खंड में प्रदर्शित किया गया।”

अनुराग सिंह ठाकुर ने पुरातन को संरक्षित करने और नवीन को बढ़ावा देने के दोहरे मिशन पर भी जोर दिया। उन्‍होंने कहा, “75 क्रिएटिव माइंड्स ऑफ टुमॉरो’ के तहत ‘द फिल्म चैलेंज’ युवा प्रतिभाओं को सामने लाया। इन रचनात्‍मक युवाओं द्वारा प्रस्तुत फिल्में विचारोत्तेजक थीं और पर्यावरण की रक्षा व संरक्षण जैसे बहुत ही महत्वपूर्ण विषय पर आधारित थीं। उल्‍लेखनीय रूप से, 75 क्रिएटिव माइंड्स में से 45 को पहले ही क्षेत्र की अग्रणी कंपनियों के सामने अपने विचार प्रस्तुत करने के अवसर प्रदान किए जा चुके हैं। एनएफडीसी फिल्म बाज़ार ने विविध अंतर्राष्ट्रीय दर्शकों का स्वागत और अंतर-सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ावा देते हुए अपने फलक का विस्तार किया। ‘वीएफएक्स एंड टेक पवेलियन’ और वृत्तचित्र खंड की शुरुआत ने नवाचार और गैर-काल्पनिक कहानी कहने को प्रदर्शित किया।”

केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव 2023 में सत्यजीत रे लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड प्रदान किये जाने के लिए माइकल डगलस को बधाई दी। अनुराग सिंह ठाकुर ने इस महोत्सव में शामिल हुए सभी लोगों के जीवन के इन क्षणों को विशेष रूप से स्मरणीय बनाने हेतु उनके साथ आने के लिए कैथरीन जेटा जोन्स को धन्यवाद दिया। केंद्रीय मंत्री ने गोल्डन पीकॉक अवार्ड्स के विजेताओं तथा भारतीय अंतराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में सर्वश्रेष्ठ वेब सीरीज (ओटीटी) के लिए पहली बार वितरित किये गए पुरस्कार के विजेताओं को भी बधाई दी।

समापन समारोह के दौरान सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने इस फिल्म महोत्सव को सफल बनाने हेतु किये गए संयुक्त प्रयासों के लिए राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (एनएफडीसी) की टीम और मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत के नेतृत्व वाली गोवा सरकार के प्रति विशेष आभार प्रकट किया। उन्होंने कार्यक्रम के अंत में सभी फिल्म निर्माताओं, अभिनेताओं एवं रचनाकारों को शुभकामनाएं दीं और उनसे कथानक को व्यक्त करने की विधा, एकता की भावना व अपना रचनात्मकता को भारतीय अंतराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव से भी आगे ले जाने का आग्रह किया।

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