नई दिल्ली, 29 नवंबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विशेष पहल पर, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का भारतीय श्री अन्न अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद में स्थापित किया जा रहा है, यह “श्री अन्न वैश्विक उत्कृष्ट शोध केंद्र” सर्वसुविधायुक्त रहेगा, जिसके माध्यम से देश-दुनिया में श्री अन्न को बढ़ावा मिलेगा। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के मार्गदर्शन में इस केंद्र के लिए कार्यवाही चल रही है। नरेंद्र सिंह तोमर ने संबंधित अधिकारियों से कहा है कि हमारे किसानों को इस केंद्र का अधिकाधिक लाभ मिलना सुनिश्चित किया जाना चाहिए। विशेषकर छोटे किसानों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से श्री अन्न को बढ़ावा देने हेतु भारत की पहल पर अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष-2023 भी मनाया जा रहा है।
केंद्रीय मंत्री तोमर द्वारा “श्री अन्न वैश्विक उत्कृष्ट शोध केंद्र” की प्रगति की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक में बताया गया कि यहां अनुसंधान से संबंधित विभिन्न सुविधों में जीनोम अनुक्रमण, जीन संपादन, पोषक जीनोमिक्स, आणविक जीव विज्ञान, मूल्य संवर्धन और जीनोम-सहायता प्रजनन के लिए उन्नत अनुसंधान उपकरणों से सुसज्जित प्रयोगशालाओं की स्थापना के साथ-साथ स्पीड ब्रीडिंग, फाइटोट्रॉन, जलवायु नियंत्रित कक्ष, ग्रीन हाउस व ग्लास हाउस एवं रैपिड फेनोमिक्स सुविधा की भी स्थापना की जा रही है। इसी क्रम में संस्थान के नवस्थापित बाडमेर (राजस्थान) एवं सोलापुर (महाराष्ट्र) स्थित दो क्षेत्रीय केंद्रों को भी सुदृढ़ बनाया जा रहा है। केंद्र को वैश्विक स्तर का अनुसंधान और प्रशिक्षण परिसर बनाने के लिए उन्नत अनुसंधान प्रयोगशालाओं के साथ आधुनिक प्रशिक्षण सुविधाओं, सम्मेलन कक्षों और अंतर्राष्ट्रीय अतिथि गृह की स्थापना का भी प्रावधान किया गया है। केंद्र की गतिविधियों को समय-सीमा में पूरा करने व पूरे देश में लागू करने के लिए आईसीएआर के 15 संस्थान सहयोग करेंगे।
बैठक में कृषि सचिव मनोज अहूजा, डेयर के सचिव एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के महानिदेशक डॉ. हिमांशु पाठक के साथ अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। श्री अन्न वैश्विक उत्कृष्ट शोध केंद्र स्थापना के लिए केंद्रीय बजट में 250 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है एवं इस संबंध में केंद्र सरकार के स्तर पर कार्यवाही तेजी से प्रगति पर हैं, नियमित बैठकें भी हो रही है।