नई दिल्ली, 15नवंबर। सहारा ग्रुप के प्रमुख सुब्रत रॉय का लंबी बीमारी के बाद मुंबई के मंगलवार को निधन हो गया है. सुब्रत राय सहारा 75 साल के थे. वह काफी लंबे समय से बीमार थे. रिपोर्ट के मुताबिक, सुब्रत रॉय का पार्थिव शरीर बुधवार को लखनऊ के सहारा शहर लाया जाएगा. सुब्रत रॉय का लंबे समय से मुंबई के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था.
कंपनी की तरफ से जारी बयान के अनुसार, हाई ब्लडप्रेशर, मधुमेह समेत कई बीमारियों से लंबे समय से जूझ रहे सुब्रत रॉय का दिल का दौरा पड़ने के कारण रात साढ़े 10 बजे निधन हो गया. कंपनी ने कहा कि उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद रविवार को उन्हें मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
समाजवादी पार्टी ने सहारा सुब्रत रॉय के निधन पर शोक जताया है. समाजवादी पार्टी ने ट्वीट किया, ‘सहाराश्री सुब्रत रॉय जी का निधन, अत्यंत दुःखद. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें. शोकाकुल परिजनों को ये असीम दुःख सहने का संबल प्राप्त हो. भावभीनी श्रद्धांजलि !
10 जून, 1948 को बिहार के अररिया में जन्मे सुब्रत रॉय भारत के प्रमुख कारोबारी और सहारा इंडिया परिवार के फाउंडर थे. उन्हें देशभर में ‘सहाराश्री’ के नाम से भी जाना जाता था. सहारा का कारोबार वित्त, रियल एस्टेट, मीडिया और हॉस्पिटैलिटी समेत कई क्षेत्रों तक फैला हुआ था. रॉय की यात्रा गोरखपुर के सरकारी तकनीकी संस्थान से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की शिक्षा के साथ शुरू हुई. साल 1976 में सहारा फाइनेंस का अधिग्रहण करने से पहले उन्होंने गोरखपुर में व्यवसाय में कदम रखा. 1978 तक, उन्होंने इसे सहारा इंडिया परिवार में बदल दिया, जो आगे चलकर भारत के सबसे बड़े समूहों में से एक बन गया.
रॉय के नेतृत्व में सहारा ने कई व्यवसायों में विस्तार किया. समूह ने 1992 में हिंदी भाषा का समाचार पत्र ‘राष्ट्रीय सहारा’ लॉन्च किया. इसके बाद 1990 के दशक के अंत में पुणे के पास महत्वाकांक्षी एम्बी वैली सिटी परियोजना शुरू की और सहारा टीवी के साथ टेलीविजन क्षेत्र में प्रवेश किया. इसे बाद में सहारा वन नाम दिया गया. 2000 के दशक में सहारा ने लंदन के ग्रोसवेनर हाउस होटल और न्यूयॉर्क शहर के प्लाजा होटल जैसी प्रतिष्ठित संपत्तियों के अधिग्रहण के साथ अंतरराष्ट्रीय सुर्खियां भी बटोरीं