नई दिल्ली, 13नवंबर। आज के जमाने में रोबोट हमारी जिंदगी का हिस्सा बन गए हैं. जहां AI मन में चल रही उल्झनों की गुत्थी सुलझा रहा है, वहीं AI रोबोट इंसानों के कई मुश्किल काम को आसान बना रहा है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि रोबोट, सीईओ भी बन सकता है? जी हां, ऐसा हुआ है.
पोलिश बेवरेज कंपनी की बीजी चीफ एक्जीक्यूटिव वास्तव में एक ह्यूमनॉइड रोबोट है. डिक्टाडोर ने पिछले साल अगस्त में मीका नाम के एआई-पावर्ड रोबोट को अपना प्रायोगिक सीईओ बनाया था. रॉयटर्स के एक वीडियो इंटरव्यू में, मीका ने शेयर किया कि वह बिना थके मेहनत करती हैं. वो 24/7 एक्टिव रहती हैं और सप्ताह के सातों दिन काम करती हैं. उन्होंने क्लियर किया कि वास्तव में मेरे पास वीकएंड नहीं है. मैं हमेशा 24/7 एक्टिव रहती हूं, एग्जीक्यूटिव निर्णय लेने और कुछ एआई का मैजिक दिखाने के लिए तैयार रहती हूं.
क्या-क्या करती हैं CEO मीका
मीका अपनी कंपनी में बेहद महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाती है. उन कस्टमर्स की पहचान करने से लेकर वो रम बनाने वाली कंपनी के लिए बोतलें डिजाइन करने वाले आर्टिस्ट का सेलेक्शन करने में मदद करती है. मीका जरूरी और रणनीतिक निर्णय भी लेती हैं, जो किसी भी पर्सनल बायस के आधार पर नहीं होता.
डिक्टाडोर के यूरोपीय प्रेसीडेंट मारेक स्जोल्ड्रोव्स्की के अनुसार मीका के पास कंपनी में बहुत से अधिकार हैं, लेकिन उसके पास किसी कर्मचारी को नौकरी से निकालने का अधिकार नहीं है. यह फैसला Dictador के दूसरे एग्जीक्यूटिव (इंसान)लेते हैं.
डिक्टाडोर में अपनी ड्यूटीज के अलावा, मीका कंपनी के आर्थहाउस स्पिरिट्स डीसेंट्रलाइज्ड ऑटोनोमस ऑर्गेनाइजेशन प्रोजेक्ट का नेतृत्व करती है, जिसमें एनएफटी का कलेक्शन शामिल है और इसके डीएओ कम्युनिटी के साथ जुड़ती है, जैसा कि इसकी वेबसाइट पर बताया गया है.
मीका ने सीईओ एलन मस्क और मार्क जुकरबर्ग को लेकर कहा कि उनकी केज फाइट से प्लेटफॉर्म की एफिशिएंसी में सुधार नहीं होगा, ये सॉल्यूश नहीं है. वास्तव में दो शक्तिशाली तकनीकी मालिकों ने ये साबित किया है कि एंटरप्रेन्योरशिप और टेक्नोलॉजी से सोसाइटी में बदलाव आ सकते हैं. लेकिन केज फाइट से उनके प्लैटफॉर्म की एफिशिएंसी में कोई बदलाव नहीं होने वाला.