मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर पहले ही लगभग सभी दलों के दिग्गजों ने दौरे कर 230 सीटों पर रणभेरियां बजा दी थी। भाजपा ने अपनी चार सूची में 136 उम्मीदवार घोषित कर दिए थे। दूसरी तरफ कांग्रेस ने रविवार को नवरात्रि के पहले दिन 144 प्रत्याशियों की सूची जारी कर खुद को भाजपा से ज्यादा धार्मिक होने का प्रयास किया है। अब तक दोनों ही दलों ने बेहद सधे कदमों से उम्मीदवार चयन का काम कर जतला दिया है कि एक- एक सीट, एक- एक वोट के लिए खंदक की लड़ाई लड़ी जाएगी लेकिन तमाम एहतियात के बीच कांग्रेस सीएम शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ दमदार प्रत्याशी चुनने में लगता है गच्चा खा गई। लोकल के चक्कर में मुंबई में अदाकारी करने वाले एक ऐसे कलाकर को मैदान में उतार दिया है कि जब तक उनका चेहरा और नाम वोटर को याद होगा तब तक चुनाव ही निकल जाएगा।
वैसे मप्र में विधानसभा का चुनाव बहुत कड़क और कांटे का होने जा रहा है। जैसे 2018 के चुनाव में उतार चढ़ाव का हाल पल में तोला और पल में माशा हो रहा था कमोबेश इस बार भी हालात कुछ ऐसे ही नजर आ रहे हैं। चुनावी जानकार उम्मीदवारों की सूची देख नतीजों को लेकर अनुमान लगाने में शीर्षासन करते हुए दिखें तो हैरत नही होगी। कांग्रेस में सर्वे रिपोर्ट और कमलनाथ- दिग्विजयसिंह की जुगलबंदी में 144 प्रत्याशियों की जो सूची आई है उसने एक तरह से असंतुष्ट नेताओं के बीच संतुलन की धारा 144 लगाने जैसा काम किया है। इसके लिए पहली बार कांग्रेस नेतृत्व का अभिनन्दन किया तो भी कम होगा। आमतौर से गुटबाजी में फंसी दिखने वाली कांग्रेस में उम्मीदवार चयन काम सियासी सर्कस में रस्सी पर चलने जैसा जोखिम भरा होता रहा है।
पूरी बुदनी मौन है
ये विक्रम मस्ताल कौन है..?
विक्रम मस्ताल की उम्मीदवारी के मामले में गंज बासौदा का किस्सा याद आ रहा है। एक बार विदिशा जिले के गंजबासौदा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस ने डॉ रामनारायण तेनगुरिया को अपना उम्मीदवार बनाया था। यह नाम आम जनता तो ठीक कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए भी अनजान सा था । उस समय रेलवे स्टेशन रोड पर एक ऊंचे से भवन की दीवार एक नारा लिखा था …” पूरा बासौदा मौन है , ये तेनगुरिया कौन है” इस तरह से जुड़े मामले में बुदनी पूछ सकती है कि-
” पूरी बुदनी मौन है,
ये मस्ताल कौन है..? ”
विक्रम बनी कांग्रेस की पीठ पर बुदनी सीट से सवार हुए वेताल रूपी मस्ताल को लेकर भी कार्यकर्ता कुछ ऐसे ही सवाल दबी जुबान से करने लगे हैं। मस्ताल को लेकर प्रश्नों से भरे थोड़े बहुत होर्डिंग – बैनर और पर्चे भी दिख जाएं तो किसी को आश्चर्य नही होगा। बुदनी से टिकट के लिए चर्चित नामों में राजकुमार पटेल, महेश राजपूत , अर्जुन आर्य, आनंद जाट, जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष रामेश्वर सिंह जैसे स्थानीय नेता सक्रिय रहे हैं। इन्हें भी आजमाया जा सकता था।
कौन है मस्ताल…?
2008 में आई रामायण में भगवान हनुमान का किरदार निभाने वाले विक्रम मस्ताल तीन महीने पहले ही कांग्रेस में शामिल हुए थे। विक्रम मस्ताल बुधनी के ही रहने वाले हैं। कमलनाथ और उनके बेटे नकुलनाथ के सामने कांग्रेस की सदस्यता लेने के बाद से ही बुधनी में सक्रिय हो गए थे। कांग्रेस की सदस्यता लेने के बाद विक्रम मस्ताल ने कहा था कि हनुमान का असली काम सेवा करना है। कांग्रेस की सदस्यता लेने के बाद उन्होंने कमलनाथ और कांग्रेस की जमकर तारीफ की थी। बता दें कि विक्रम मस्ताल ने रामायण के अलावा टीवी सीरियल रजिय सुल्तान और हाल ही में आई वेब सीरीज आश्रम 3 में भी नजर आए थे।