लॉ कमीशन ने सहमति से संबंध बनाने की उम्र 18 से घटाकर 16 करने का किया विरोध,कहा- बाल तस्करी को मिलेगा बढ़ावा

0 50

नई दिल्ली, 30सितंबर। लॉ कमीशन ने यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत सहमति से संबंध बनाने की उम्र 18 से घटाकर 16 करने का विरोध किया. लॉ कमीशन ने कहा कि ऐसा करने से बाल विवाह और बाल तस्करी के खिलाफ लड़ाई पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. पैनल ने कहा है कि वो उन मामलों में स्थिति को ठीक करने के लिए अधिनियम में संशोधन करना आवश्यक समझता है, जिनमें 16 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों की मौन स्वीकृति है. इसमें कहा गया है कि इस तरह के मामलों में निर्देशित न्यायिक विवेक लागू किया जा सकता है.

पिछले साल दिसंबर में, भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने संसद से POCSO अधिनियम के तहत सहमति से संबंध बनाने की उम्र से संबंधित बढ़ती चिंताओं को दूर करने का आग्रह किया था.

भारत के 22वें विधि आयोग ने कहा है,“मौजूदा बाल संरक्षण कानूनों, विभिन्न निर्णयों की सावधानीपूर्वक समीक्षा और हमारे समाज को प्रभावित करने वाली बाल दुर्व्यवहार, बाल तस्करी और बाल वेश्यावृत्ति की बीमारियों पर विचार करने के बाद हमने पाया कि POCSO अधिनियम के तहत सहमति से संबंध बनाने की मौजूदा उम्र के साथ छेड़छाड़ करना उचित नहीं है.

कर्नाटक उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रितु राज अवस्थी की अध्यक्षता वाले पैनल ने कहा कि उन्होंने 16 से 18 वर्ष की आयु के लोगों से जुड़े मामलों के संबंध में दिए गए सभी विचारों और सुझावों पर विचार किया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन मामलों में 16 से 18 वर्ष की आयु के बच्चे की ओर से कानून में सहमति नहीं है, वास्तव में मौन स्वीकृति है, उन मामलों में स्थिति को सुधारने के लिए POCSO अधिनियम में कुछ संशोधन लाने की आवश्यकता है.

पैनल ने कहा कि आयोग ऐसे मामलों में सजा के मामले में निर्देशित न्यायिक विवेक लागू करना उचित समझता है. इससे यह सुनिश्चित होगा कि कानून संतुलित है और इस प्रकार बच्चे के सर्वोत्तम हितों की रक्षा होगी.

Leave A Reply

Your email address will not be published.