`भारत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जलवायु परिवर्तन से जुड़े मुद्दों पर आगे रहकर कार्रवाई की : केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी

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नई दिल्ली, 26 सितंबर। भारत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर आगे बढ़कर कार्रवाई की है। केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य तथा पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के मामले में हमारी प्रतिक्रिया तेजी से बढ़ते शहरीकरण वाले शहरों पर केन्द्रित रही जिसमें प्रधानमंत्री की महत्वकांक्षी पंचामृत कार्ययोजना का मार्गदर्शन रहा। उन्होंने कहा कि परिणाम दिखने लगे हैं। जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक के मुताबिक जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर भारत सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाले शीर्ष पांच देशों में शामिल है।

हरदीप सिंह पुरी आज यहां अर्बनशिफ्ट फोरम (एशिया) के उद्घाटन सत्र में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि चैतरफा प्रशंसा प्राप्त जी20 अध्यक्षता के तहत भारत ने टिकाउ शहरीकरण के मुद्दे पर चर्चा को आगे बढ़ाया है। उन्होंने कहा, ‘‘शहरीकरण की हमारी यात्रा एक सफलता की कहानी है जो कि दूसरे देशों के लिये सीखने की रूपरेखा बन गई है, विशेषतौर से ग्लोबल साउथ के लिये।’’

हरदीप सिंह पुरी ने इस दौरान आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में बताया जो कि टिकाउ और समावेशी तरीके से शहरी क्षेत्रों को विकास पथ पर आगे बढ़ा रही हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना – शहरी (पीएमएवाई- यू) के बारे में बताते हुये उन्होंने कहा कि करीब 11.9 मिलियन आवासों की मंजूरी दी जा चुकी है, 11.3 मिलियन आवासों पर काम शुरू हो चुका है और योजना के तहत करीब 7.7 मिलियन आवास लाभार्थियों के सुपुर्द किये जा चुके हैं।

हरदीप सिंह पुरी ने स्वच्छ भारत मिशन- शहरी के बारे में भी कहा कि इसके परिणामस्वरूप साफ सफाई की दिशा में व्यवहारिक बदलाव आया है। देश में 7.36 मिलियन व्यक्तिगत और सामुदायिक शौचालयों ने भारत के शहरों और कस्बों को खुले में शौच से मुक्त किया है। ठोस कचरा प्रसंस्करण 2014 के 17 प्रतिशत से बढ़कर अब 75 प्रतिशत तक पहुंच गया है। स्वच्छ भारत मिशन- शहरी 2.0 के तहत 326 गार्बेज डंप साइट में सुधार किया गया और 42.6 मिलियन टन कूड़ा कम हुआ है।

अमृत मिशन की सफलता के बारे में बताते हुये हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि देश के 500 शहरों (भारत की आबादी का 60 प्रतिशत) में करीब 14 मिलियन पानी के कनेक्शन और 13.5 मिलियन सीवर कनेक्शन दिये गये।

जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में उठाये गये उल्लेखनीय कदमों में स्मार्ट सिटी मिशन के तहत 13 बिलियन डालर की 6,069 परियोजनाओं को पूरा किया गया है जिससे नवाचार और उत्कृष्टता की नई संस्कृति की शुरूआत हुई।

हरदीप सिंह पुरी ने कहा, ‘‘भारत के मोबिलिटी एजेंडा में एक जबर्दस्त बदलाव आया है, अब हमारे पास दुनिया का पाचवां बड़ा मेट्रो नेटवर्क है। अब तक 871 किलोमीटर मेट्रोलाइन बिछाई जा चुकी है और 906 किलोमीटर मेट्रो नेटवर्क पर निर्माण कार्य चल रहा है।’’

जलवायु परिवर्तन कार्यों का स्थायनीकरण करने का उल्लेख करते हुये हरदीप सिंह ने कहा कि ग्लोबल साउथ के शहरों के लिये जलवायु परिवर्तन एजेंडा को स्थानीय रूप दिया जाना महत्वपूर्ण होगा। उन्होंने कहा ‘‘वित्तीय सेहत से अलग किसी भी शहरी योजना पर चर्चा नहीं हो सकती है। अनेक शहर बुनियादी वित्तीय जरूरतों के लिये केन्द्रीय अनुदान पर निर्भर रहते हैं। इसे बदलने की जरूरत है।’’

हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि हमें नवीन तौर तरीकों के साथ परंपरागत राजस्व और वित्त पहुंच के विविध साधनों को लाने की जरूरत है। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह फोरम शहरों के लिये जलवायु वित्त साधन बढ़ाने के बेहतर तौर तरीकों का प्रचार पसार करेगी।

हरदीप सिंह पुरी ने अपने संबोधन में इस पर भी प्रकाश डाला कि किस प्रकार भारत अर्बन- 20 के जरिये पर्यावरण अनुकूल व्यवहार और जलवायु वित्त विस्तार को प्रोत्साहन देने की चर्चा आगे बढ़ा रहा है। उन्होंने कहा कि जी20 के अंतिम घोषणापत्र में पहली बार जलवायु वित्त का विशिष्ट रूप से उल्लेख हुआ है।

पहले अर्बनशिफ्ट फोरम (एशिया) का नयी दिल्ली में हयात रेजेंसी में केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्री, भारत सरकार, हरदीप सिंह पुरी की गरिमामय उपस्थिति में उद्घाटन हुआ। इस दौरान भारत सरकार, राष्ट्रीय शहरी कार्य संस्थान (एनआईयूए), संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी), एशियाई विकास बैंक (एडीबी), वैश्विक पर्यावरण सुविधा (जीईएफ), के अलावा कई अन्य संगठनों और संस्थानों के गणमान्य अतिथिगण भी अर्बनशिफ्ट एशिया फोरम के उद्घाटन सत्र में उपस्थित थे। आईसीएलईआई दक्षिण एशिया और एनआईयूए इसके सह-आयोजक हैं।

भारत, इंडोनेशिया, चीन, वियतनाम, मलेशिया, नेपाल, फिलीपींस, जोर्डन और श्री लंका की सरकारों और शहरों तथा अंतरराष्ट्रीय संगठनों, वित्तीय संस्थानों, उद्योगों और गैर- सरकारी संगठनों के 150 के करीब प्रतिनिधि इस कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं जहां वह क्षेत्रीय शहरी चुनौतियों और प्रतिकृति समाधानों की जानकारी और अनुभवों को साझा करेंगे।

फोरम का मूल उद्देश्य ग्लोबल साउथ के शहरों को एकीकृत और टिकाउ शहरी विकास के विभिन्न पहलुओं के बारे में क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण देना है।

कार्यक्रम के शुरूआती सत्र में एक उच्चस्तरीय पैनल के साथ ही अन्य भागीदारों द्वारा एशियाई क्षेत्र में मूल शहरी मुद्दों पर चर्चा की गई। इस दौरान एशियाई शहरों को ‘अवसरों के शहर’ में परिवर्तित करने और अड़चनों से पार पाने की रणनीति पर गौर किया गया। कई वक्ताओं ने आने वाले दशकों के दौरान एशियाई शहरों में जलवायु परिवर्तन के मामले में कार्रवाई तेज करने और बड़े लक्ष्य को लेकर अपने विजन और नीति निर्देशन के बारे में बताया।

अर्बनशिफ्ट फोरम के पहले दिन विभिन्न मुद्दों पर अपनी बात रखने वाले गणमान्य लोगों में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम, भारत कार्यालय के प्रमुख अतुल बगई, विश्व संसाधन संस्थान के मुख्य कार्याधिकारी माधव पाई, वैश्विक पर्यावरण सुविधा (जीईएफ) में टिकाउ शहरों के वरिष्ठ जलवायु परिवर्तन विशेषज्ञ और समन्वयक अलोक बर्नवाल, राष्ट्रीय शहरी कार्य संस्थान (एनआईयूए), भारत के निदेशक हितेष वैद्य, आईसीएलईआई के उप-महासचिव और आईसीएलईआई दक्षिण एशिया के कार्यकारी निदेशक इमानी कुमार, और सी40 सिटीज़ की जलवायु वित्त, ज्ञान और भागीदारी प्रबंधन निदेशक एंड्री फर्नाडीज़ शामिल थे।

फोरम के अन्य समानांतर सत्रों में भागीदार चुनौतियों के समाधान, सफल व्यवहारों के अनुभव बताने और बेहतर रणनीतियों की खोज पर अपनी जानकारी साझा करेंगे। इस दौरान वह अपने ज्ञान और क्षमता निर्माण के साथ साथ वित्तीय और निजी क्षेत्र को शामिल करने की संभावनाओं सहित अर्बनशिफ्ट परियोजनाओं से समर्थन के तरीकों का भी पता लगायेंगे। इस दौरान जीईएफ- वित्तपोषित टिकाउ शहरी परियोजना के अनुभवों को भी साझा किया जायेगा।

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