कृषि के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग तथा पारदर्शिता अत्यंत महत्वपूर्ण है और हमारी सरकार ने इस संबंध में आवश्यक कदम उठाए हैं: नरेंद्र सिंह तोमर

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने संयुक्त रूप से किसान क्रेडिट कार्ड घर-घर अभियान, किसान ऋण पोर्टल और विंड्स मैनुअल का शुभारंभ किया

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नई दिल्ली, 20सितंबर। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंगलवार को एक ऐतिहासिक शुरुआत करते हुए कृषि-ऋण (केसीसी व एमआईएसएस) और फसल बीमा (पीएमएफबीवाई/आरडब्ल्यूबीसीआईएस) पर केंद्रित आर्थिक गतिविधियों का शुभारंभ किया। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने तीन योजनाएं शुरू की हैं, जिनमें किसान ऋण पोर्टल (केआरपी), किसान क्रेडिट कार्ड घर-घर अभियान, जो कि एक महत्वाकांक्षी अभियान है, जिसका लक्ष्य देश भर के प्रत्येक लक्षित किसान तक किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना का लाभ पहुंचाना है और मौसम की जानकारी पाने के लिए वेदर इनफार्मेशन नेटवर्क डेटा सिस्टम (विंड्स) पर एक मैनुअल शामिल है। इन गतिविधियों को प्रारंभ करने का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में क्रांति लाना, वित्तीय समावेशन को बढ़ाना, डेटा उपयोग को अनुकूलित करना तथा देश भर में किसानों के जीवन को और बेहतर बनाना है।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस अवसर पर मुख्य भाषण देते हुए किसान क्रेडिट कार्ड घर-घर अभियान की सफलता के लिए बैंकों की तरफ से पूर्ण सहयोग मिलने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने किसानों को आसान अल्पकालिक ऋण सुनिश्चित करने और इस योजना से जुड़ने के उद्देश्य से किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत पर्याप्त धन आवंटित किया है। वित्त मंत्री ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) की पहल और इसके सफल कार्यान्वयन के लिए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की सराहना की। उन्होंने कहा कि 29,000 करोड़ रुपये की प्रीमियम राशि के एवज में अब तक किसानों को 1,40,000 करोड़ रुपये से अधिक की बीमा राशि वितरित की जा चुकी है। केंद्रीय वित्त मंत्री ने चावल और गेहूं की फसल के उत्पादन के लिए वास्तविक समय आकलन की सराहना की और इस अनुमान को दलहन एवं तिलहन की फसलों तक बढ़ाने का आह्वान किया ताकि आवश्यकता पड़ने पर उनके आयात को लेकर बेहतर योजना बनाई जा सके। उन्होंने कहा कि फसलों के वास्तविक समय आकलन से अर्थव्यवस्था को पर्याप्त सहायता मिलेगी और फसल सत्र के अंत में किसानों के लिए सही कीमतें सुनिश्चित हो सकेंगी। वित्त मंत्री सीतारमण ने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों एवं सहकारी बैंकों के पूर्ण स्वचालन का भी आह्वान किया और वित्तीय सेवा विभाग को इन बैंकों के लिए ऋण स्वीकृति तथा ऋण वितरण के बीच अंतर को स्पष्ट समझने का निर्देश भी दिया।

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने अपने संबोधन में वर्तमान सरकार के कार्यकाल में कृषि क्षेत्र एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को दिए गए महत्व का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि कृषि मंत्रालय का बजट वर्ष 2013-14 के 23,000 करोड़ रुपये की तुलना में अब 2023-24 में बढ़कर 1,25,000 करोड़ रुपये हो गया है। केंद्रीय कृषि मंत्री ने विंड्स मैनुअल के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य वास्तविक समय की मौसम की जानकारी सुनिश्चित करना है ताकि किसान सही समय पर अपनी फसलों के लिए सभी आवश्यक सावधानी बरत सकें। श्री तोमर ने कहा कि कृषि कार्य के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग तथा पारदर्शिता अत्यंत महत्वपूर्ण है और हमारी सरकार ने इस संबंध में आवश्यक कदम उठाए हैं। उन्होंने बताया कि पीएम किसान सम्मान निधि के अंतर्गत लगभग 9 करोड़ लाभार्थी शामिल हो चुके हैं और किसान क्रेडिट कार्ड घर-घर अभियान का लक्ष्य लगभग ऐसे 1.5 करोड़ लाभार्थियों को इससे जोड़ना है, जो अभी तक योजना से नहीं जुड़ सके हैं। श्री तोमर ने कोरोना महामारी के दौरान भी किसानों को लगभग 2 करोड़ किसान क्रेडिट कार्ड प्रदान करने के लिए वित्त मंत्रालय और बैंकों को धन्यवाद दिया। कृषि मंत्री ने जोर देकर कहा कि ये कृषि और ग्रामीण क्षेत्र ही थे, जिन्होंने महामारी के दौरान भी अर्थव्यवस्था को गतिमान रखा था।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना-पीएमएफबीवाई के संयुक्त सचिव (क्रेडिट) और मुख्य कार्यकारी अधिकारी रितेश चौहान ने इस पहल पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि तकनीकी सुविधाओं के उपलब्ध होने के कारण इस वर्ष प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) में रिकॉर्ड नामांकन हुआ है।

आज के कार्यक्रम में कृषि राज्य मंत्री सुश्री शोभा करंदलाजे व श्री कैलाश चौधरी, कृषि सचिव श्री मनोज आहूजा, वित्तीय सेवा विभाग के सचिव श्री विवेक जोशी, विशेष कार्य अधिकारी (क्रेडिट) श्री अजीत कुमार साहू, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना-पीएमएफबीवाई के संयुक्त सचिव (क्रेडिट) एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री रितेश चौहान, नाबार्ड के अध्यक्ष श्री शाजी केवी और संबद्ध विभागों तथा कृषि क्षेत्र से आए हुए कई गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

इन योजनाओं का शुभारंभ होना किसानों की आमदनी को सतत बनाए रखने और आय को दोगुना करने के उद्देश्य से कृषि के लिए नवाचार तथा कुशलतापूर्वक सेवा वितरण के प्रति भारत सरकार के समर्पण का प्रतीक है। किसान ऋण पोर्टल (केआरपी), किसान क्रेडिट कार्ड घर-घर अभियान और विंड्स मैनुअल जैसी पहल किसानों की समृद्धि, नवाचार, प्रौद्योगिकी समावेशन तथा उद्देश्यपूर्ण सेवा वितरण के प्रति सरकार की वचनबद्धता को दर्शाते हैं। ये प्रयास पूरे देश में किसान समुदाय के लिए कृषि परिवर्तन एवं सतत आर्थिक विकास के लक्ष्य को आगे बढ़ाएंगे।

पृष्ठभूमि

1. किसान ऋण पोर्टल (केआरपी)
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस), पशुपालन एवं डेयरी विभाग (डीएएचएंडडी), मत्स्य पालन विभाग (डीओएफ), भारतीय रिजर्व बैंक और नाबार्ड द्वारा सहयोग के साथ विकसित किया गया किसान ऋण पोर्टल, किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के तहत किसानों को ऋण सेवाओं तक सुलभ पहुंच बनाने में क्रांति लाने के लिए तैयार है। यह किसानों को संशोधित ब्याज सहायता योजना (एमआईएसएस) के माध्यम से सब्सिडी वाले कृषि ऋण प्राप्त करने में भी मदद करेगा।

किसान ऋण पोर्टल एक ऐसे एकीकृत केंद्र के रूप में कार्य करता है, जो किसानों का डेटा, ऋण संवितरण विशिष्टताओं, ब्याज छूट दावों और योजना उपयोग प्रगति का व्यापक दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है। यह मार्ग प्रशस्त करने वाला पोर्टल बैंकों के साथ निर्बाध एकीकरण को बढ़ावा देकर अधिक केंद्रित व कुशल कृषि ऋण तथा ब्याज छूट के इष्टतम उपयोग के लिए सक्रिय नीतिगत हस्तक्षेप, रणनीतिक मार्गदर्शन एवं आदर्श आर्थिक सहायता को सक्षम बनाता है।

2. घर-घर केसीसी अभियान: किसान क्रेडिट कार्ड घर-घर अभियान
यह आयोजन “घर-घर केसीसी अभियान” की शुरुआत का भी अवसर है। किसान क्रेडिट कार्ड घर-घर अभियान कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की सार्वभौमिक वित्तीय समावेशन के प्रति संवेदनशीलता को रेखांकित करता है, इसके माध्यम से यह सुनिश्चित होता है कि प्रत्येक किसान को उनकी कृषि संबंधी गतिविधियों को संचालित करने वाली ऋण सुविधाओं तक निर्बाध पहुंच प्राप्त हो जाए। यह अभियान 1 अक्टूबर 2023 से 31 दिसंबर 2023 तक चलेगा।

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने पीएम किसान डेटाबेस के आधार पर मौजूदा केसीसी खाताधारकों के डेटा को परिश्रमपूर्वक सत्यापित किया है। इसके तहत ऐसे खाता धारकों की पहचान कर ली गई है जो पीएम किसान डेटाबेस से मेल खाते हैं और जिनके पास पीएम किसान लाभार्थी कार्ड होने के बावजूद किसान क्रेडिट कार्ड नहीं है। यह अभियान गैर-किसान क्रेडिट कार्ड खाता धारक पीएम किसान लाभार्थियों तक पहुंचने और पात्र पीएम किसान लाभार्थी किसानों के बीच किसान क्रेडिट कार्ड खातों की परिपूर्णता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

3. विंड्स मैनुअल का शुभारंभ
मौसम की जानकारी पाने के लिए वेदर इनफार्मेशन नेटवर्क डेटा सिस्टम (विंड्स) पहल तालुक/ब्लॉक और ग्राम पंचायत स्तरों पर स्वचालित मौसम स्टेशनों तथा वर्षा अनुमान का एक नेटवर्क स्थापित करने का महत्वपूर्ण प्रयास है। यह पहल विभिन्न कृषि सेवाओं का सहयोग करते हुए विशेष रूप से स्थानीय मौसम डेटा का एक सशक्त डेटाबेस बनाती है।

आज से शुरू किया गया व्यापक विंड्स मैनुअल हितधारकों को पोर्टल की कार्यक्षमता, डेटा व्याख्या और प्रभावी उपयोग की गहन समझ प्रदान करता है। यह राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को विंड्स प्लेटफॉर्म को तैयार करने और एकीकरण करने, पारदर्शी एवं वस्तुनिष्ठ डेटा अवलोकन तथा संचारण को बढ़ावा देने में मार्गदर्शन करता है। विंड्स मैनुअल बेहतर तरीके से फसल प्रबंधन, संसाधन आवंटन और जोखिम से निपटने के लिए मौसम डेटा का लाभ उठाने में व्यावहारिक रूप से ज्ञान भी प्रदान करता है।

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