गाजियाबाद गैंगरेप पीड़िता की मौत की गुत्थी उलझी: न गुप्‍तांगों पर चोट, मेडिकल रिपोर्ट में न जहर की पुष्टि

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नई दिल्ली, 29अगस्त। गाजियाबाद की एक सोसाइटी में गार्ड की नौकरी कर रही 19 वर्षीय युवती की सोमवार को सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई है। आरोप था की उसके साथ उसकी सोसाइटी के सुपरवाइजर ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर सामूहिक दुष्‍कर्म किया और इसके बाद उसे जहर पिला दिया।

इस आरोप के विपरीत मेडिकल रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया है की युवती के गुप्‍तांगों पर कोई चोट का निशान नहीं मिला है और न ही उसकी मौत जहर की वजह से हुई है। अब सवाल उठता है कि आखिर उसकी मौत कैसे हुई।

पुलिस ने जो परिजनों की तहरीर पर प्राथमिकी दर्ज की है जिसमें तीन लोगों पर बलात्‍कार और जहर देकर मारने की बात दर्ज की जा चुकी है। फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच में जुटी हुई है, लेकिन मेडिकल रिपोर्ट ने गुत्‍थी उलझा दी है। अब पुलिस को पोस्‍टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार है।

मामला क्रॉसिंग रिपब्लिक थाना इलाके की सृष्टि सोसाइटी का है। पुलिस मुख्य आरोपी मेंटेनेंस सुपरवाइजर अजय को जेल भेज चुकी है। दरअसल झारखंड की रहने वाली 19 साल की युवती काम की तलाश में जुलाई महीने में अपनी मौसी के घर गाजियाबाद आई थी। उसकी मौसी क्रॉसिंग रिपब्लिक थाना क्षेत्र के डूंडाहेड़ा में किराए के मकान में रहती है। मौसी ने उसकी नौकरी सृष्टि हाउसिंग सोसाइटी में बतौर सिक्योरिटी गार्ड लगवा दी।

गत 27 अगस्त की दोपहर करीब 12 बजे युवती के मौसेरे भाई ने डायल-112 को कॉल करके तीन युवकों के उसके साथ गैंगरेप करने की जानकारी दी। पुलिस के पहुंचने से पहले ही सहकर्मियों ने उसको ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी स्थित वृंदावन हॉस्पिटल में भर्ती कराया। उसी रात को पीड़िता को दिल्ली रेफर कर दिया गया। यहां वह सफदरजंग हॉस्पिटल में एडमिट रही और 28 अगस्त की सुबह तड़के उसकी मौत हो गई।

मौसेरे भाई ने मेंटेनेंस सुपरवाइजर अजय सहित दो अज्ञात युवकों पर गैंगरेप, मारपीट और कपड़े फाड़ने की प्राथमिकी दर्ज कराई। पुलिस ने फौरन कार्रवाई करते हुए सोमवार को अजय को जेल भेज दिया। सृष्टि हाउसिंग सोसाइटी में 400 से कुछ ज्यादा परिवार रहते हैं। विला दो मंजिल हैं और फ्लैट तीन-तीन फ्लोर के हैं। यह सोसाइटी हाल ही में बिल्डर ने बनाई है, जो अभी आरडब्ल्यूए को हैंडओवर नहीं हुई है।

मृतका के मौसेरे भाई ने बताया है की सोसाइटी के सिक्योरिटी गार्डों ने परिजनों को घटना की सूचना दी। वहां से पता चला कि वह शाहबेरी के वृंदावन हॉस्पिटल में भर्ती हुई है। अस्‍पताल पहुंचने पर उसने देखा कि बहन की हालत बहुत गंभीर थी। उसके कपड़े फटे हुए थे। मुंह से झाग आ रहे थे। डॉक्टरों ने बताया कि उसने जहर जैसा कुछ खाया हुआ है, इसलिए हालत बिगड़ रही है।

उसी रात डॉक्टरों ने पीडि़ता को दिल्ली रेफर कर दिया। सोमवार सुबह 4 बजे के आसपास सफदरजंग अस्‍पताल में उसकी मौत हो गई।

जानकारी मिली है की महिला सुरक्षाकर्मी ने सबसे पहली कॉल सिक्योरिटी कंपनी के अधिकारी को की। इसमें उसने बताया, ”सुपरवाइजर अजय ने मुझे डॉक्यूमेंट लेने के बहाने बुलाया। मैं अंदर गई, तो उसने गेट बंद कर लिया और छेड़खानी की। मैंने विरोध किया, तो उसने मुझ ऑफर दिया कि वो पैसे की कमी नहीं होने देगा। मुझे नया मोबाइल गिफ्ट करेगा।”

महिला सहकर्मी ने पुलिस को बताया है कि मृतका को सांस लेने की दिक्कत थी। तीन दिन पहले भी उसको सांस लेने में कोई तकलीफ हुई थी। ज्यादातर सुरक्षाकर्मियों ने पुलिस को बयान दिया है कि पीड़िता जब उनके पास आई तो उसने रेप और जहर की कोई बात नहीं कही। सिर्फ सुपरवाइजर पर छेड़छाड़ के आरोप लगाए थे। लेकिन पीड़िता ने जो बयान पुलिस को दिया है वो बिलकुल अलग है।

एसीपी रितेश त्रिपाठी ने 27 अगस्त की रात 8 बजकर 18 मिनट पर वृंदावन हॉस्पिटल में पहुंचकर उसी के लेटरहेड पर बयान लिया है। पीड़िता ने लिखा है, ”अजय ने हमारे साथ गलत काम किया है।” इसी बयान के आधार पर पुलिस ने मेंटेनेंस सुपरवाइजर अजय को गिरफ्तार किया है। हालांकि पुलिस का कहना है कि बयान में तीन लोग, गैंगरेप और जहर जैसी कोई बात नहीं लिखी है। फिलहाल अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार हो रहा है जिससे यह साफ हो सके की लड़की की मौत का कारण क्या था और उसके बाद ही कार्रवाई की जा सके।

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