`इतिहास रचने के बेहद करीब भारत, आज चांद पर होगी Chandrayaan-3 की लैंडिंग

0 34

नई दिल्ली, 23अगस्त। चंद्रयान-3 को लेकर भारत इतिहास रचने के बेहद करीब पहुंच चुका है। चंद्रयान-3 अब चांद से चंद कदम दूर ही है। आज शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रयान-3 चांद की धरती चूमने के लिए पूरी तरह से तैयार है। ISRO ने अपडेट देकर बताया है कि चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट-लैंडिंग कराने की प्रक्रिया शाम लगभग 5:45 बजे शुरू हो जाएगी। चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर की चांद के सतह पर अगर सॉफ्ट लैंडिंग सफल होती है तो ऐसा कारनामा करने वाला भारत दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। अब तक अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ इस तकनीक में महारत हासिल कर चुके हैं, हालांकि उनकी ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर नहीं हुई है। भारत ने 14 जुलाई को ‘लॉन्च व्हीकल मार्क-3’ (LVM3) रॉकेट के जरिए 600 करोड़ रुपये की लागत वाले अपने तीसरे चंद्र मिशन-‘चंद्रयान-3’ का प्रक्षेपण किया था। चंद्रयान-3 चंद्रयान-2 के बाद का मिशन है। चंद्रयान-3 का उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट-लैंडिंग करना, इसके रोवर को चांद की सतह पर चलाकर दिखाना और कई वैज्ञानिक एक्सपेरिमेंट को अंजाम देना है। जैसे ही यह चांद की सतह पर पहुंचेगा, लैंडर और रोवर अगले एक लूनर डे या चंद्र दिवस यानी धरती के 14 दिनों के समान समय के लिए सक्रिय हो जाएंगे।

चांद का कदम चूमने को तैयार चंद्रयान-3
ISRO के चंद्र अभियान का लक्ष्य चांद के दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र में सॉफ्ट लैंडिंग करने का है। ISRO ने इससे पहले सितंबर 2019 में चंद्रयान- 2 को चांद पर उतारने का प्रयास किया था, लेकिन उस समय उसका विक्रम लैंडर क्षतिग्रस्त हो गया था। भारत के पहले चंद्र मिशन चंद्रयान-1 को 2008 में प्रक्षेपित किया गया था। भारत ने 14 जुलाई को ‘लॉन्च व्हीकल मार्क-3’ (LVM3) रॉकेट के जरिए 600 करोड़ रुपये की लागत वाले अपने तीसरे चंद्र मिशन- ‘चंद्रयान-3’ का प्रक्षेपण किया था। इस अभियान के तहत यान 41 दिन की अपनी यात्रा में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ का एक बार फिर प्रयास करेगा, जहां अभी तक कोई देश नहीं पहुंच पाया है।
Leave A Reply

Your email address will not be published.