बीजेपी का दावा-‘राहुल गांधी जिद करके मणिपुर गए, उनके खिलाफ प्रोटेस्ट हो रहा था, इसलिए रोका गया’

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नई दिल्ली, 29जून।मणिपुर दौरे पर गए राहुल गांधी को राहत शिविरों तक जाने से रोक दिया गया है. इस बीच बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि जिस जिद के साथ राहुल गांधी मणिपुर गए हैं वो सही नही है. उन्हें जागरूकता के साथ जाना चाहिये था. संबित पात्रा ने दावा किया कि राहुल गांधी के दौरे को लेकर वहां प्रोटेस्ट हो रहा था. मणिपुर के स्टूडेंट यूनियन ने भी राहुल के दौरे का बहिष्कार करने की बात कही थी. सिविल सोसाइटी ने भी कहा था कि राहुल यहां आकर चिंगारी न फैलाये. राहुल आज जब वहां पहुचे तो उसके पहले ही प्रशासन ने कहा था कि आप हेलीकॉप्टर लेकर चांदपुर जाए. अमित शाह के निर्देश पर 3 जगहों पर मणिपुर में चॉपर सर्विस शुरू की गई थी. प्रशासन ने राहुल से कहा कि 2500 का टिकट लेकर चॉपर से जाए. लेकिन राहुल न माने और जिद करके चले गए.

संबित पात्रा ने कहा कि 13 जून से मणिपुर में अभी तक शांति थी.जब हालात नियंत्रण में था. वैसे में राजनीति के माध्यम से हालात बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है, वी उचित नही है. सूत्रों ने जी मीडिया को बताया कि राहुल गांधी विष्णुपुर से इंफाल लौटे. वह चॉपर से चूराचंद पुर जाएंगे.

बीजेपी के माहौल बिगाड़ने के बीजेपी के आरोप पर कांग्रेस प्रवक्ता सु्प्रिया श्रीनेत ने कहा कि शर्म आनी चाहिए उन लोगों को जो ऐसा बयान दे रहे हैं. राहुल गांधी वहां लोगों को ढांढस बनाने जा रहे हैं. संबित पात्रा से हमें नसीहत नहीं चाहिए. वो इंचार्ज हैं मणिपुर के. उनकी और उनकी पार्टी की क्या जवाबदेही है. जिस भी मध्यम से जाएं राहुल गांधी जायेंगे जरूर. जब मणिपुर जल रहा है तब बीजेपी इसे legacy issue बता रही है. वहां की सरकार अभी तक बर्खास्त क्यों नहीं की गई. क्या रिश्ता है ऐसा वहां के मुख्यमंत्री से जो अभी तक उन्हें बर्खास्त नहीं किया गया.

बता दें कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के काफिले को मणिपुर पुलिस ने इंफाल से 20 किलोमीटर दूर बिष्णुपुर में बृहस्पतिवार को रोक दिया. राहुल मणिपुर के अपने दो दिवसीय दौरे के लिए बृहस्पतिवार को इंफाल पहुंचने के बाद चुराचांदपुर जिले के लिए रवाना हुए थे, जहां उनके हिंसा के कारण विस्थापित हुए लोगों से राहत शिविरों में मिलने की योजना है. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि रास्ते में हिंसा की आशंका के चलते काफिले को रोका गया. उन्होंने बताया कि बिष्णुपुर जिले के उटलू गांव के पास राजमार्ग पर टायर जलाए गए और काफिले पर कुछ पत्थर फेंके गए.

पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘ हमें ऐसी घटनाओं के फिर होने की आशंका है और इसलिए एहतियाती तौर पर काफिले को बिष्णुपुर में रुकने का अनुरोध किया गया.’’ कांग्रेस पदाधिकारी आगे बढ़ने के वास्ते सुरक्षित रास्ता सुनिश्चित करने के लिए पुलिस और सेना के अधिकारियों से बात कर रहे हैं. गौरतलब है कि मणिपुर में मेइती और कुकी समुदाय के बीच मई की शुरुआत में भड़की जातीय हिंसा में 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं. मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है और यह मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहती है. वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और यह मुख्यत: पर्वतीय जिलों में रहती है.

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