आज खुंटी, झारखंड में ट्राईफेड द्वारा आयोजित महिला स्वयं सहायता समूहों के सम्मेलन में संवाद करेंगी राष्ट्रपति मुर्मु

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नई दिल्ली, 25मई। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु आज झारखंड के खुंटी जिले में बिरसा मुंडा कालेज स्टेडियम में आयोजित होने वाले महिला स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) सम्मेलन में महिला एसएचजी के साथ संवाद करेंगी। इस सम्मेलन का आयोजन जनजातीय कार्य मंत्रालय के तत्वाधान में भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास महासंध (ट्राईफेड) और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजातीय वित्त और विकास निगम (एनएसटीएफडीसी) द्वारा किया जा रहा है।

इस महत्वपूर्ण अवसर पर उपस्थित गणमान्य लोगों में केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा, जनजातीय कार्य राज्य मंत्री  रेणुका सिंह सरूता और जनजातीय मामले और जल शक्ति राज्य मंत्री बिस्वेश्वर टुडू, झारखंड के राज्यपाल  सी.पी. राधाकृष्णन और झारखंड के मुख्यमंत्री  हेमंत सोरेन शामिल होंगे।

केन्द्रिय जनजातीय कार्य मंत्रालय, प्रधानमंत्री जनजातीय विकास मिशन (पीएमजेवीएम) का क्रियान्वयन कर रहा है जिसके तहत वन धन विकास केन्द्रों (वीडीवीके) की स्थापना के लिये वित्तीय समर्थन दिया जाता है। इसमें प्रशिक्षण, कच्चे माल के संग्रहण, ब्रांडिंग, पैकेजिंग और स्थानीय स्तर पर उपलब्ध एमएफपी और गैर-एमएफपी के विपणन परिचालन जैसी बड़े पैमाने पर आर्थिक गतिविधियों का लाभ उठाने के लिये स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) शामिल हैं। यह देखा गया है कि रोजगार के विभिन्न कार्यों में लगीं हुई जनजातीय समुदाय की महिलायें ही ज्यादातर एसएचजी में शामिल हैं।

सम्मेलन का उद्देश्य प्राथमिक तौर पर जनजातीय कार्य मंत्रालय के तहत आने वाले भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास महासंध (ट्राईफेड) और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजातीय वित्त और विकास निगम (एनएसटीएफडीसी) की एजेंसियों के जरिये महिला स्वयं सहायता समूहों और अन्य छोटे उद्यमियों को प्रोत्साहित और प्रेरित किया जाये। केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्री के निमंत्रण पर भारत की राष्ट्रपति ने मुख्य अतिथि के तौर पर कार्यक्रम में शामिल होने को कृपापूर्वक अपनी संस्तुती दी है। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि हजारों महिला एसएचजी सदस्य पूरे उत्साह के साथ कार्यक्रम में भाग लेंगी।

कार्यक्रम के दौरान भारत की राष्ट्रपति का संबोधन और महिला एसएचजी सदस्यों के साथ संवाद मुख्य आकर्षण होगा। इसके साथ ही ट्राईफेड, एनएसटीएफडीसी और केन्द्र/राज्यों के अन्य मंत्रालयों/विभागों के बूथ लगाने की भी योजना है जिसमें आदिवासी शिल्प के साथ साथ जनजातीय कला और शिल्प का जीवंत प्रदर्शन किया जायेगा। कार्यक्रम का उद्देश्य महिला उद्यमियों को वन क्षेत्र को लेकर उनके अधिकारों, वीडीवीके के फायदों, वित्तपोषण और बाजार तथा आर्थिक गतिविधियां बढ़ाने के तौर तरीकों के बारे में शिक्षित करना है।

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