राज्य में बिजली की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी: मुख्यमंत्री भगवंत मान

'नये युग का आग़ाज़', पंजाब ने आम आदमी की सुविधा के लिए बदला सरकारी कार्यालयों का समय

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चंडीगढ़ , 03मई। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि दफ्तरी समय बदलने की बेमिसाल जन हितैषी पहलकदमी से राज्य में ’नये युग का आग़ाज़’ हुआ है, जिससे रोज़ाना 350 मेगावाट बिजली बचने के साथ-साथ 2 मई से 15 जुलाई तक लगभग 40-45 करोड़ रुपए की भी बचत होगी।

पंजाब सिवल सचिवालय-1 के कमेटी रूम में पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुये मुख्यमंत्री ने ज़ोर देकर कहा, ‘‘इस महत्वपूर्ण कदम से जहाँ लोगों को बड़ी सुविधा मिलेगी, वहीं यह कदम सरकारी मुलाजिमों की कार्यकुशलता बढ़ाने में भी सहायक होगा।’’

मुख्यमंत्री ने ख़ुद प्रात: काल 7.28 पर अपने कार्यालय पहुँच कर मिसाल कायम की। उन्होंने कहा कि यह फ़ैसला लंबे विचार-विमर्श के दौरान बहुसंख्यक हिस्सेदारों की सहमति लेने के बाद लिया गया। उन्होंने कहा कि यह फ़ैसला आने वाले महीनों में लोगों को भयानक गर्मी से बचाने में बहुत सहायक होगा। भगवंत मान ने कहा कि चाहे कई पश्चिमी देशों में मौसम की तबदीली के अनुसार घडिय़ा का समय की रिवायती एक आम प्रक्रिया है परन्तु भारत में पहली बार यह ऐतिहासिक पहलकदमी की गई।

और विवरणों के बारे बताते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे आम व्यक्ति अपने काम से छुट्टी लिए बिना प्रात: काल अपना कामकाज जल्द कर सकेगा। उन्होंने कहा कि इससे सरकारी मुलाजिमों को भी सुविधा मिलेगी क्योंकि वह दफ्तरी समय के बाद सामाजिक समागमों में शिरकत कर सकेंगे। इसी तरह भगवंत मान ने कहा कि कर्मचारी अपने बच्चों के साथ अधिक से अधिक समय बिताऐंगे क्योंकि वह भी बच्चों की छुट्टी के साथ ही घर पहुँच जाया करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस फ़ैसले से सरकारी दफ्तरों में रोज़ाना 350 मेगावाट बिजली की बचत होने की संभावना है जिससे सरकारी दफ्तरों के बिजली खर्च में भारी कमी आयेगी। उन्होंने कहा कि पावरकॉम के आंकड़ों से अनुसार दोपहर 1.30 से शाम के 4 बजे तक बिजली का प्रयोग का ‘पीक आवर’ (बिजली की सबसे अधिक खपत वाला समय) है परन्तु क्योंकि अब कार्यालय दोपहर 2 बजे बंद रहेंगे, इससे बिजली के प्रयोग में कटौती करने में मदद मिलेगी। भगवंत मान ने कहा कि हर महीने औसतन 16 से 17 करोड़ रुपए की बचत होगी और 2 मई से 15 जुलाई तक के समय के दौरान राज्य सरकार को 40 से 42 करोड़ रुपए की बचत होने की उम्मीद है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नयी समय-सारणी यह भी यकीनी बनाऐगी कि सरकारी कार्यालयों में कुदरती रौशनी का अधिक से अधिक प्रयोग किया जाये। उन्होंने कहा कि 15 जुलाई के बाद सभी हिस्सेदारों ख़ास कर आम लोगों से फीडबैक लेकर फ़ैसले की समीक्षा की जायेगी। भगवंत मान ने लोगों को भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार आने वाले दिनों में ऐसे और भी नागरिक केंद्रित फ़ैसले लेगी जिसके लिए आगामी योजनाबंदी की जा चुकी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी कार्यालयों का समय बदलने के कदम से सिर्फ़ बिजली की बचत ही नहीं बल्कि इससे यातायात को सुचारू ढंग के साथ चलाने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस कदम के बारे कई अन्य राज्यों की तरफ से भी पूछताछ की जा रही है और दूसरे राज्यों में भी इसको दुहराने की संभावना है। भगवंत मान ने उम्मीद ज़ाहिर की कि बड़े शहरों जैसे कि बेंगलुरु, चेन्नई, मुंबई, कोलकाता, दिल्ली और अन्यों में ऐसे कदम ट्रैफिक़ की समस्या को सुचारू बनाने में मदद कर सकते हैं जिससे आम आदमी को अपेक्षित राहत मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट तौर पर कहा कि राज्य में बिजली की कोई कमी नहीं है क्योंकि खेती, घरेलू या उद्योग समेत सभी क्षेत्रों की ज़रूरतें पूरी करने के लिए अतिरिक्त बिजली पैदा की जा रही है। एक मिसाल देते हुये उन्होंने कहा कि रोपड़ स्थित गुरू गोबिन्द सिंह सुपर थर्मल प्लांट के पास 35 दिनों के लिए कोयला मौजूद है जब इससे पहले की सरकारों के समय राज्य में कोयले की भारी कमी के कारण अंधेरे का ख़तरा मंडराता रहता था। हरियाणा के बिजली मंत्री द्वारा राज्य में बिजली सम्बन्धी दिए बेबुनियाद और तर्कहीन बयान पर तंज़ कसते हुये भगवंत मान ने उनको पंजाब के मामलों में दख़ल देने से गुरेज़ करने और अपने राज्य पर ध्यान देने की सलाह दी। इस मौके पर मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव ए. वेणू प्रसाद और मुख्यमंत्री के विशेष प्रमुख सचिव रवि भगत और अन्य भी मौजूद थे।

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