केरल के कुमारकोम में डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर पर दूसरी जी20 शेरपा बैठक के साथ-साथ कार्यक्रम आयोजित

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नई दिल्ली, 31मार्च।दूसरी जी20 शेरपा बैठक के पहले दिन की शुरुआत हुई। इस दौरान, दिनभर की गतिविधियां विकास के परिणामों को बेहतर बनाने में डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) की महत्वपूर्ण भूमिका और पिछले एक दशक में बड़े पैमाने पर डीपीआई को लागू करने में भारत के व्यापक अनुभव पर केंद्रित था। जी20 सचिवालय द्वारा नासकॉम, बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन (बीएमजीएफ) और डिजिटल इम्पैक्ट एलायंस (डीआईएएल) के साथ साझेदारी में साइड इवेंट का आयोजन किया गया था।

भारत के जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने नासकॉम के अध्यक्ष देबजानी घोष के साथ शेरपाओं और जी20 सदस्यों, आमंत्रित देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में डीपीआई एक्सपीरियंस जोन का उद्घाटन किया। भारत की डीपीआई सफलता की गाथा का चित्रण करते हुए, इमर्सिव डिजिटल इंडिया एक्सपीरियंस जोन ने डिजिटल पहचान, वित्तीय समावेशन और शिक्षा और स्वास्थ्य तक समान पहुंच जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों का समाधान करने के लिए भारत द्वारा विकसित प्रमुख डीपीआई पर प्रकाश डाला। भारत के विभिन्न जनसंख्या-स्तर के डीपीआई जैसे आधार, को-विन, यूपीआई, डिजिलॉकर, भाषिणी और अन्य को एक्सपीरियंस जोन में प्रदर्शित किया गया। एक्सपीरियंस जोन में गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, पेटीएम, फ्रक्टाबु, एडब्ल्यूएस और टीसीएस जैसे निजी क्षेत्र के उद्यमों की उपस्थिति भी देखी गई, जिन्होंने डीपीआई की नवीनता क्षमता का प्रदर्शन किया।

साइड इवेंट की शुरुआत भारत के जी20 शेरपा श्री अमिताभ कांत के उद्घाटन भाषण से हुई, जिन्होंने प्रभावी और कुशलता से सार्वजनिक सेवाओं तक समावेशी पहुंच प्रदान करने में डीपीआईI की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में चर्चा की। उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में डिजिटल डोमेन में भारत द्वारा हासिल की गई उपलब्धियों और भारी प्रगति पर जोर दिया और विश्व स्तर पर, विशेष रूप से विकासशील देशों और कम विकसित देशों में डीपीआई को अपनाने के संभावित लाभ पर प्रकाश डाला। शेरपा श्री कांत ने खुले मानकों, ओपन एपीआई और इंटरऑपरेबिलिटी को भारत के डीपीआई की पहचान के रूप में चिन्हित किया।

यह आयोजन डीपीआई के महत्व और आवश्यकता पर एक विशेष सत्र के साथ शुरू हुआ, जिसका शीर्षक – ‘डीपीआई क्यों?’ था। उसके बाद तीन सत्र – (1) ‘मनुष्य, धरती एवं समृद्धि के लिए डीपीआई किस प्रकार लाभदायक है’, (2) ‘वैश्विक संदर्भ में डीपीआई – किस प्रकार अनेक देश डीपीआई और प्रमुख शिक्षण की दिशा में पहुंच बना रहे हैं’ और (3) ‘स्केलिंग डीपीआई: चुनौतियां और अवसर’ आयोजित किए गए।

दो स्पॉटलाइट सत्र भी आयोजित किए गए। इन सत्रों में – (ए) ‘डीपीआई फाइनेंसिंग गैप पर प्रस्तुति’ और (बी) ‘डीपीआई स्टार्ट-अप इकोसिस्टम, निवेशक और संस्थापक को कैसे बढ़ावा दे रहा है’ विषय पर चर्चा की गई।

विशेष सत्र “डीपीआई क्यों?” प्रतिष्ठित वैश्विक नेताओं इंफोसिस बोर्ड के सह-संस्थापक और अध्यक्ष नंदन नीलेकणि और यूरोपीय संघ के इंटरनल मार्केट के कमिश्नर थिएरी ब्रेटन के वर्चुअल संदेशों के साथ शुरू हुआ, जिन्होंने जी20 अध्यक्षता के दौरान डीपीआई की उपयोगिता और भारत के महत्वाकांक्षी डीपीआई एजेंडे पर प्रतिभागियों को संबोधित किया। विशेष संबोधन में वाशिंगटन डीसी, यूएसए के डिजिटल इम्पैक्ट एलायंस की प्रबंध निदेशक प्रिया वोहरा और आधार के पूर्व- चीफ आर्किटेक्ट और इंडिया स्टैक, सीटीओ एकस्टेप फाउंडेशन के प्रमोद वर्मा द्वारा एक संयुक्त प्रस्तुति शामिल थी, जिन्होंने दर्शकों को विभिन्न क्षेत्रों में डीपीआई की परिवर्तनकारी भूमिका और इसके आर्किटेक्ट संबंधी और आर्थिक पहलू के बारे में समझाया।

इसके बाद, पैनलिस्टों की भागीदारी के साथ “डीपीआई: मनुष्य धरती एवं समृद्धि के लिए लाभदायक” शीर्षक पर विषयगत सत्र की अध्यक्षता लंदन के चैथम हाउस के फेलो श्री सिद्धार्थ तिवारी ने की, जिसमें माइक्रोसॉफ्ट इंडिया के प्रेसिडेंट अनंत माहेश्वरी, डायल और अफ्रीका सीडीसी के जीन-फिलबर्ट सेंगिमाना, बीएमजीएफ की फाइनेंशियल सर्विसेज फॉर द पुअर के डिप्टी डायरेक्टर श्री कांस्टेंटीन पैरिक, आईएएन फंड की फाउंडिंग पार्टनर पद्मजा रूपारेल और प्लेस फंड के पीटर रैब्ले ने पैनलिस्ट के तौर पर भागीदारी की। पैनलिस्टों ने स्वास्थ्य, शिक्षा, खाद्य सुरक्षा और जलवायु अनुकूलन को प्रभावित करने वाले प्रतिस्पर्धा, बाजार, नवाचार और समावेशन में डीपीआई की भूमिका पर चर्चा की।

“वैश्विक संदर्भ में डीपीआई – किस प्रकार अनेक देश डीपीआई और प्रमुख शिक्षण की दिशा में पहुंच बना रहे हैं” शीर्षक वाले दूसरे सत्र का संचालन आधार के पूर्व-चीफ आर्किटेक्ट और इंडिया स्टैक, सीटीओ एकस्टेप फाउंडेशन प्रमोद वर्मा ने किया। इस सत्र के पैनलिस्टों में एनपीसीआई, भारत के सीईओ दिलीप अस्बे, विश्व बैंक के डिजिटल आइडेंटिटी से जोनाथन मार्सकेल, यूएन फाउंडेशन में डिजिटल इम्पैक्ट एलायंस के स्ट्रेटेजिक एंगेजमेंट्स एंड पार्टनरशिप्स की एसोसिएट डायरेक्टर डायना सैंग, यूएनडीपी के मुख्य डिजिटल अधिकारी कीज़ोम और जीआईजेड के डिजिटल ट्रांसफॉरमेशन के डिजिटल प्रोग्रामिंग हेड ब्योर्न रिक्टर शामिल थे। उन्होंने डीपीआई एप्लिकेशन के प्रमुख वैश्विक उदाहरणों और विकासशील देशों के अनुभवों को साझा किया जो विकसित और विकासशील दोनों देशों के लिए प्रासंगिक हैं। संकट की स्थितियों में लचीलापन सुनिश्चित करने में डीपीआई के महत्व, खुले प्रौद्योगिकी मानकों का उपयोग करके बड़े पैमाने पर नवाचार क्षमता और परिवर्तनकारी सामाजिक और आर्थिक प्रभाव और इंटरऑपरेबल प्रौद्योगिकी पर आधारित डीपीआई पर इस सत्र के दौरान विस्तार से चर्चा की गई।

तीसरे सत्र में बड़े पैमाने पर विकासात्मक लाभ के लिए डीपीआई को कुशलतापूर्वक बढ़ाने के मुद्दे पर ध्यान केंद्रित किया गया। इस सत्र में अध्यक्ष के रूप में बीएमजीएफ के ग्लोबल ग्रोथ एंड अपॉर्चुनिटीज के ग्लोबल प्रेसिडेंट रोजर वुरहिज और यूआईडीएआई के सीईओ सौरभ गर्ग, डिजिटल इंडिया कारपोरेशन, एनईजीडी और मायगॉव के सीईओ अभिषेक सिंह, अफ्रीका डिजिटल राइट्स हब में संस्थापक और कार्यकारी निदेशक टेकी एकूटेह, डिजिटल इंपैक्ट एलायंस में नीति और हिमायत के वरिष्ठ निदेशक के. मैकगोवन और गूगलपे के वाइस प्रेसिडेंट अंबरीश केंघे ने पैनलिस्ट के तौर पर हिस्सा लिया। उन्होंने विचार विमर्श के दौरान इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे डीपीआई को बढ़ाने के लिए विश्वास, पहुंच, सामर्थ्य और उपयोगकर्ता के बीच सहमति जैसे सिद्धांतों के आधार पर सार्वजनिक-निजी सहयोग के दृष्टिकोण की आवश्यकता है।

साइड इवेंट में दो स्पॉटलाइट सत्र शामिल थे। पहले स्पॉटलाइट सत्र का नेतृत्व डीपीजी, डायल के लिए चार्टर के निदेशक श्री क्रिसी मार्टिन मीयर ने किया, जिन्होंने सुरक्षित, समावेशी और विश्वसनीय सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के वित्तपोषण और एक प्रतिस्पर्धी बाजार, नवाचार और समावेशन के लिए काम करने वाले आधारभूत डीपीआई के विकास से जुड़ी लागत पर एक प्रस्तुति दी। दूसरा स्पॉटलाइट सत्र स्टार्ट-अप इकोसिस्टम को बढ़ावा देने में डीपीआई की भूमिका पर केंद्रित था। सत्र की अध्यक्षता नैसकॉम के अध्यक्ष देबजानी घोष ने की। पैनलिस्टों में एम्फेसिस वेंचर्स की निवेशक मेलिसा फ्रैकमैन, कैलिडोफिन की सीईओ और सह-संस्थापक सुचरिता मुखर्जी और ग्राम कवर के संस्थापक जतिन सिंह ने पैनलिस्ट के तौर पर हिस्सा लिया। पैनल ने मूलभूत डीपीआई में निजी निवेश बढ़ाने का आह्वान किया और लंबी अवधि के राजस्व सृजन के लिए प्रारंभिक निवेश से परे निरंतर वित्तपोषण की आवश्यकता पर जोर दिया।

दिन भर का सत्र जी20 के संयुक्त सचिव नागराज नायडू के समापन संबोधन के साथ समाप्त हुआ, जिन्होंने नकद हस्तांतरण और खाद्य वितरण से लेकर ई-कॉमर्स और शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा के अभिनव मॉडल तक सतत विकास लक्ष्यों प्राप्ति में तेजी लाने के लिए डीपीआई की जबरदस्त संभावना पर प्रकाश डाला ।

भारत के एक वैश्विक डिजिटल केंद्र के रूप में उभरने के साथ, समावेशी सार्वजनिक प्रौद्योगिकियों के निर्माण में इसके नेतृत्व ने न केवल राष्ट्र को सशक्त बनाया है, बल्कि संबंधित व्यवसायों और अधिक अवसरों के द्वार भी खोले हैं। डीपीआई प्रणालियां सार्वजनिक और निजी सेवाओं के सार्थक वितरण को सक्षम करने और गरीबी में कमी, वित्तीय समावेशन, महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण, और जलवायु अनुकूलन सहित सतत विकास लक्ष्यों की एक श्रृंखला की प्राप्ति में महत्वपूर्ण आधार बन गई हैं।

डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर भारत की जी20 अध्यक्षता के दौरान प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक है। यह वित्तीय समावेशन के लिए डिजिटल अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य, शिक्षा और वैश्विक भागीदारी सहित विभिन्न कार्य समूहों में एक अत्यधिक महत्वपूर्ण विषय है।

जी20 शेरपा बैठक का पूर्ण सत्र कल से शुरू होगा। विदेश और संसदीय कार्य मंत्रालय में राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन उद्घाटन सत्र में विशेष संबोधन करेंगे।

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