नई दिल्ली, 21 मार्च। हिमालय में बनी चक्रवाती परिस्थितियों के चलते दक्षिण से उत्तर भारत तक मौसम तेजी से बदल रहा है। बीते 24 घंटों में देश के कई राज्यों में तेज हवा के साथ बारिश हुई। इससे तापमान में गिरावट आने के साथ ही लोगों कों गर्मी से राहत मिली है। इसके अलावा पहाड़ी राज्यों उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में बर्फबारी भी हुई है। हालांकि, इस बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। आईएमडी ने किसानों को पंजाब और हरियाणा में सरसों की फसल की कटाई फिलहाल टालने की सलाह दी है। साथ ही साथ महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में किसानों को गेहूं और दलहनों की फसलों की कटाई भी रोकने को कहा है।
आईएमडी ने किसानों से कहा है, ”पंजाब और हरियाणा में बारिश बंद होने तक सरसों की कटाई रोक दें। यदि फसल पहले ही काटी जा चुकी है, तो नुकसान से बचने के लिए सुरक्षित स्थानों पर उसका भंडारण करें। इसके अलावा गेहूं की फसलों की सिंचाई भी रोक दें।” मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में सेब, नाशपाती, बेर और आड़ू के बागों के साथ-साथ मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में फलों के बागानों की सुरक्षा के लिए ‘ओला जाल’ के उपयोग की सलाह दी है।
मौसम विभाग का कहना है कि कर्नाटक, गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, बिहार, पश्चिम बंगाल और झारखंड में अगले चार दिनों तक आंधी-तूफान के साथ झमाझम बारिश हो सकती है। साथ ही जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में भी बारिश के आसार हैं।
ईरान की तरफ से आए पश्चिमी विक्षोभ और पूर्वी-पश्चिमी हवाओं के मिलन से लखनऊ समेत पूरे उत्तर प्रदेश का मौसम बदल गया है। गुरुवार को सुबह से ही बादलों की आवाजाही शुरू हो गई थी। शाम शुरू होते ही कई स्थानों पर बूंदाबांदी होने लगी। शुक्रवार को मौसम और खराब हो सकता है। लखनऊ समेत मध्य एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश में बादलों की सात गरज चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। वहीं उत्तर-पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बादलों के अलावा तेज बरसात हो सकती है। तापमान में भी गिरावट होगी। गुरुवार सुबह ही मौसम ने करवट लेनी शुरू कर दी थी। दोपहर करीब 12 बजे बादलों की आवाजाही शुरू हो गई थी। दिन का पारा 35 से 33 डिग्री आ गया। शाम होते ही हवाओं की गति भी बढ़ी और बूंदाबांदी शुरू हो गई। शाम सात बजे के आसपास कहीं तेज तो कहीं धीमी बूंदाबांदी हुई।
पिछले सप्ताह ईरान के ऊपर तैयार पश्चिमी विक्षोभ ने अफगानिस्तान और पाकिस्तान होते हुए भारत की तरफ रुख किया। इसका असर दो दिन पहले से ही उत्तर प्रदेश में दिखने लगा था। इस समय पूर्वी और पश्चिमी हवाओं का मिलन भी हो रहा है। इन कारकों से लखनऊ और आसपास के जिलों का मौसम बदला है। लखनऊ मौसम विभाग ने अगले पांच दिनों तक बादलों की आवाजाही, तेज गरम और चमक के साथ बौछारें पड़ने का अलर्ट जारी किया है।
रांची समेत झारखंड के कई इलाकों में गुरुवार को दोपहर बाद तेज आंधी के साथ बारिश हुई। इस दौरान अलग-अलग जगह पर दर्जनों पेड़ गिर गए। पेड़ गिरने के बाद कई जगहों पर एहतियान बिजली काट दी गई। बारिश और आंधी थमने के बाद फिर से बिजली आपूर्ति शुरू हुई। इस दौरान कई जगह वज्रपात भी हुए। हालांकि, इससे कहीं से कोई जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं है। रांची में भी 30-40 किलोमीटर प्रतिघंटा के साथ हवा चली और भारी बारिश हुई। इस दौरान रांची में 19.4 मिलीमीटर बारिश का आंकड़ा दर्ज किया गया। बारिश होने के बाद मौसम में बदलाव हुआ और तापमान में गिरावट आयी । जिसके कारण शाम में हल्की ठंड हवा चलने का भी अनुभव होने लगा। दिन के समय में रांची में अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया गया। वहीं न्यूनतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया गया।
राजस्थान में पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से गुरुवार को कुछ हिस्सों में बारिश और ओलावृष्टि हुई। मौसम विभाग के अनुसार, जयपुर ग्रामीण के आसपास के क्षेत्र सीकर, अलवर में शाम को तेज हवाओं के साथ हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश हुई और कहीं-कहीं ओले पड़े। जयपुर मौसम केन्द्र के निदेशक राधेश्याम शर्मा के मुताबिक, राज्य में अगले एक सप्ताह मेघगर्जन के साथ कुछ भागों में हल्की से मध्यम बारिश, अचानक तेज हवाएं व कहीं-कहीं ओलावृष्टि होने की प्रबल सम्भावना है। मौसम विभाग ने किसानों को सुझाव दिया है कि वो अपनी तैयार सरसों चना, जीरा व अन्य रबी फसलों की कटाई कर उनका सुरक्षित भंडारण कर लें।